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Ganga-Yamuna Flood : प्रयागराज में गंगा व यमुना नदियों का बढ़ रहा जलस्‍तर, जानें कहां तक पहुंचा बाढ़ का पानी

Ganga-Yamuna Flood प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों का पानी बढ़ रहा है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है। बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के अंदर बाढ़ का पानी अभी नहीं पहुंचा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 08:17 AM (IST)
Ganga-Yamuna Flood : प्रयागराज में गंगा व यमुना नदियों का बढ़ रहा जलस्‍तर, जानें कहां तक पहुंचा बाढ़ का पानी

प्रयागराज, जेएनएन। एक ओर शहरवासी कोरोना वायरस जैसी महामारी के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं अब गंगा और यमुना नदियों के लगातार बढ़ रहे जलस्तर ने परेशानी उत्‍पन्‍न कर दी है। निचले इलाकों में बाढ़ का संकट भी उठ खड़ा हुआ है। हालांकि बाढ़ का पानी त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के पास तक तो पहुंच चुका है लेकन अभी अंदर नहीं घुसा है। यही स्थिति रही तो एक-दो दिन में मंदिर के अंदर तक पानी पहुंच कर हनुमान जी को स्‍नान करा सकता है।

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6.26 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है

पिछले दो दिनों में हरिद्वार, नरौरा और कानपुर से 6.26 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है। बुधवार को कानपुर से छोड़ा गया पानी गुरुवार सुबह प्रयागराज पहुंचा तो जलस्तर में बढ़ोतरी हुई। इससे बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर के बाहर सड़क पर पानी आ गया। पातालपुरी अक्षयवट गेट मार्ग भी डूब गया है, जिस कारण आवागमन बंद कर दिया गया है। कानपुर बैराज से बुधवार सुबह 2.58 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। वहीं बेतवा नदी से यमुना में भी तेजी से पानी आ रहा था।

बलुआघाट बारादरी के दो और गुंबद भी डूबने वाले हैं

गुरुवार सुबह अचानक दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा। शाम चार बजे नैनी 81.14, छतनाग 80.50, फाफामऊ में 81.34 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के कंट्रोल रूम के मुताबिक 24 घंटे में नैनी में 34, छतनाग में 38 और फाफामऊ में 32 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। बलुआघाट बारादरी के दो और गुंबद भी डूबने के कगार पर पहुंच गए हैं। यहां के दो गुंबद पहले ही डूब चुके हैं। ककरहा घाट भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। अरैल घाट पर पानी तेजी से चढऩे की वजह से यहां गोताखोरों को तैनात किया गया है और तेज बहाव को देखते हुए लोगों को यहां स्नान करने से रोका जा रहा है। वहीं शुक्रवार की सुबह तक पानी बढ़ ही रहा था।

यमुना का पानी कई गांवों के खेतों तक पहुंचा

यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से कजासा गांव में गांव के उत्तर का रास्ता कटान से ढहने लगा है और निचले भाग में पानी भरने लगा है। क्षेत्र में कई गांव के खेतों में पानी घुस चुका है जिससे खरीफ की फसल नष्ट होने के कगार पर है। यमुना नदी के किनारे सैकड़ों बीघा तराई में किसान खेती करते हैं जोकि पूरी तरह से पानी जाने से नष्ट हो चुकी है। तराई क्षेत्र इरादतगंज बीकर देवरिया मोहनी का पूरा कंजासा कनुआ बिरबल नगर वार कचरा आदि गांव में किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं क्षेत्र के चितौरी नाले से भी किसानों को काफी खतरा की आशंका है अगर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता रहा 2 दिन में नदी और नालो से दर्जनों गांव की फसल प्रभावित होगी।

गंगा-यमना का प्रयागराज में जलस्तर

नैनी :  81.14 मीटर

छतनाग : 80.50 मीटर

फाफामऊ : 81.34 मीटर।

घर छोडऩे के लिए सामान समेटने लगे लोग

गंगा-यमुना में तेजी से बढ़ रह जलस्तर के कारण तटीय इलाके सलोरी, बघाड़ा, रसूलाघाट, बेली व राजापुर कछार में रहने वाले लोग अपने घर का सामान समेटकर निकलने की तैयारी में लग गए हैं। झूंसी की तरफ बदरा सोनौटी और मुंशी का पूरा भी पानी से घिर गए हैं। फाफामऊ बाईपास के पास कछार की तरफ रहने वाले भी भयभीत हैं।

बाढ़ प्रखंड के अधिशासी अभियंता ने कहा-खतरे के निशान से नीचे है पानी

सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार कहते हैं कि गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। हरिद्वार, नरोरा और कानपुर बैराज से प्रतिदिन पानी छोड़ा जा रहा है, जिस कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।


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