यमुना में डाले गए पांच जाल, लापता का नहीं चला पता
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नयागांव थाना स्थित रहनार कोलंबी निवासी कौशबाई दिगंबर रामराव की अस्थि लेकर परिजन व रिश्तेदार यहां आए थे। सोमवार शाम नाव पलटने से हुआ था हादसा।
प्रयागराज : नाव में पानी भर जाने से यमुना में डूबे रमेश दिगंबर वैश का अब तक पता नहीं चल सका है। सर्च ऑपरेशन में जुटी जल पुलिस ने बुधवार को यमुना में तीन जाल और डाल दिया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी लापता की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि अब तक कुछ सफलता नहीं मिली है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटनास्थल से काफी दूर तक जाल लगाया गया है। यमुना में कुल पांच जाल डाले गए हैं। हर स्तर पर प्रयास चल रहा है, लेकिन अब तक लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी है। गोताखोर और एनडीआरएफ के जवान यमुना की अथाह जलराशि में उतरकर रमेश की खोजबीन कर रहे हैं। उधर, दोपहर में जब पोस्टमार्टम हाउस से एक साथ सात शव निकाले गए तो आसपास मौजूद लोगों का कलेजा कांप उठा। हर कोई स्तब्ध हो गया, उनकी आंखें भी नम हो गईं।
पोस्टमार्टम हाउस से सभी शव मेडिकल कॉलेज ले जाए गए, जहां आवश्यक कार्रवाई की गई। इसके बाद सभी शवों को एयरपोर्ट ले जाया गया। फिर गमजदा परिजन लाशों को लेकर महाराष्ट्र चले गए। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नयागांव थाना क्षेत्र स्थित रहनार कोलंबी निवासी कौशबाई दिगंबर रामराव की अस्थि लेकर परिजन व रिश्तेदार यहां आए थे। सोमवार शाम अस्थि विसर्जन के बाद सभी 14 लोग नाव से वापस गऊघाट लौट रहे थे। तभी नाव में छेद होने के कारण पानी भर गया। इससे नाव डूब गई थी। हादसे में छह लोगों को बचा लिया गया था, जबकि सात की मौत हो चुकी है। रमेश अभी भी लापता है, जिसकी तलाश चल रही है।