पिछले वर्ष आज ही के दिन इंडोनेशियाई जमाती ने प्रयागराज में सनसनी फैला दी थी, सहम गया था पूरा शहर
पिछले साल एक अप्रैल को निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात से होकर प्रयागराज आए इंडोनेशियाई नागरिकों का सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। पांच अप्रैल को 37 वर्षीय एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और उसे कोटवा लेवल वन के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रयागराज, जेएनएन। जी हां, अपनी स्मरण शक्ति पर जरा जोर डालिए...। कुछ याद आया आपको...। चलिए हम ही आपको बता देते हैं। आज पांच अप्रैल है। यही वह तारीख है, जिसने आज से ठीक एक साल पहले प्रयागराज में कोरोना के मामले में जबर्दस्त दहशत फैलाई थी। पांच अप्रैल 2020 को कोरोना का पहला पॉजिटिव केस इंडोनेशियाई जमाती के रूप में मिला था। जैसे ही इसकी जानकारी शहरवासियों को हुई तो पूरा शहर ही सहम उठा था।
तब्लीगी जमात से आए लोगों का सैंपल लखनऊ भेजा गया था
पिछले साल एक अप्रैल को निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात से होकर प्रयागराज आए इंडोनेशियाई नागरिकों का सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। पांच अप्रैल को 37 वर्षीय एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और उसे फौरन ही कोटवा स्थित लेवल वन के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शहर के शाहगंज स्थित मस्जिद में 37 लोग छिपे थे
याद दिलाने के लिए बता दें कि तब शाहगंज थानाक्षेत्र में स्टेशन रोड स्थित एक मस्जिद में 37 लोग मिले थे। उनके बारे मेें पता चला था कि वे इसमें छिप कर रहे हैं। इसमें सात इंडोनेशियाई समेत कुल 11 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे गए थे। आठ लोगों की रिपोर्ट तो दूसरे ही दिन निगेटिव आ गई थी। तीन इंडोनेशियाई युवकों के सैंपल संदिग्ध होने पर उन्हें जांच के लिए पुणे की लैब में भेज दिया गया था, वहां एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गई थी। यह खबर दूसरे दिन अखबारों की मुख्य खबर बनते ही शहर कांप उठा था।