फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी, ऐसे 65 बर्खास्त शिक्षकों पर होगी एफआइआर Prayagraj News
बुंदेलखंड लखनऊ बरकतउल्ला संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री लगाकर 65 शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की थी। बर्खास्तगी के बाद अब केस दर्ज होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। फर्जी मार्कशीट और दस्तावेज लगाकर नौकरी हथियाने वाले जिले के 65 शिक्षकों की बर्खास्तगी करीब तीन वर्षों में की जा चुकी है। अब इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को मिला है। बीईओ की तरफ से संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
शिक्षकों की मार्कशीट एवं अन्य दस्तावेजों का हुआ था सत्यापन
वर्ष 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की हुई नियुक्ति में तमाम शिक्षकों द्वारा फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल करने की शिकायतें शासन स्तर पर हुईं। लिहाजा, जिले में भी नियुक्त शिक्षकों की मार्कशीट एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन अधिकारियों ने शुरू किया। करीब तीन वर्ष में ऐसे 65 मामले सामने आए, जिसमें शिक्षकों ने फर्जी मार्कशीट अथवा अन्य दस्तावेज लगाए थे। अफसरों ने जांच में पाया कि फर्जी मार्कशीट जो लगाई गई है, वह ज्यादातर बुंदेलखंड, लखनऊ, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालयीय संस्थान की हैं। प्राथमिक विद्यालय आंबा विकासखंड कौंधियारा में कन्हैयालाल गौड़ ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाई थी।
22 वर्षों तक मृतक आश्रित पद पर नौकरी करता रहा
इसी प्रकार मऊआइमा ब्लॉक के बडग़ांव उच्च प्राथमिक विद्यालय में मृतक आश्रित पद पर ज्ञानचंद्र त्रिपाठी ने फर्जी तरीके से नौकरी पा ली थी। खास यह कि वह 22 वर्षों तक नौकरी करता रहा। फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले इन सभी को बर्खास्त किया जा चुका है। हालांकि, इसमें से बर्खास्त छह शिक्षकों ने हाईकोर्ट में मुकदमा कायम किया है। सूत्र बताते हैं कि एफआइआर के बाद ही रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होगी।
बोले बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने कहा कि जिस क्षेत्र के विद्यालयों के शिक्षक बर्खास्त हुए हैं। उस खंड के बीईओ को एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।