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शिक्षा निदेशालय के वित्त विभाग ने भेज दी अप्रैल में ही रकम, फिर भी शिक्षकों को नहीं मिल सका वेतन

शिक्षा निदेशालय के वित्त विभाग ने शिक्षक व कर्मचारियों के पहले छह माह का भुगतान करने के लिए धन का आवंटन अप्रैल माह में ही कर दिया था। अब तक भुगतान न होने से निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों व वित्त एवं लेखाधिकारियों से जवाब तलब किया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:50 AM (IST)
शिक्षा निदेशालय के वित्त विभाग ने भेज दी अप्रैल में ही रकम, फिर भी शिक्षकों को नहीं मिल सका वेतन
भुगतान न होने से निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों व वित्त एवं लेखाधिकारियों से जवाब तलब किया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) उच्च प्राथमिक विद्यालयों, केजी नर्सरी व मांटेसरी स्कूलों के शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। शिक्षा निदेशालय के वित्त विभाग ने शिक्षक व कर्मचारियों के पहले छह माह का भुगतान करने के लिए धन का आवंटन अप्रैल माह में ही कर दिया था। अब तक भुगतान न होने से निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों व वित्त एवं लेखाधिकारियों से जवाब तलब किया है। पूछा गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में धन आवंटन के बाद भी भुगतान नहीं किया जा सका। अब उम्मीद है कि जल्द ही प्रदेश के उन शिक्षकों को वेतन मिल सकेगा जो इससे वंचित है। 

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भुगतान न होने पर शिक्षा निदेशालय के वित्त अधिकारी ने किया जवाब तलब

शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी सरोज कुमार प्रजापति ने सभी जिलों के बीएसए को पत्र भेजकर इस बाबत पूछा है। पत्र में कहा गया कि प्रदेश के सभी एडेड उच्च प्राथमिक व केजी, मांटेसरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 में मिलने वाले वेतन की रकम का आवंटन बीती 26 अप्रैल को ही किया जा चुका है। पहले छह माह में दिए जाने वाले वेतन का आवंटन भेजने के बाद भी कई जिलों से महानिदेशक स्कूल शिक्षा को यह शिकायतें मिली हैं कि भुगतान नहीं मिला है। इससे शिक्षकों व कर्मचारियों में नाराजगी है महानिदेशक ने इस मामले का त्वरित निस्तारण करने का आदेश दिया है।

निदेशालय ने जिलों के अफसरों से कहा है कि वे औचित्यपूर्ण कारण का उल्लेख करते हुए स्पष्ट करें कि भुगतान की कार्यवाही धन मिलने के बाद क्यों नहीं की जा सकी। सभी जिले उपभोग प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराएं। निदेशालय ने यह जवाब 16 जून को शाम पांच बजे तक ईमेल पर मांगा है, ताकि महानिदेशक को अवगत कराकर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। जवाब की प्रति शिक्षा निदेशक बेसिक को भी भेजने को कहा गया है।


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