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Inspiring Story: महिला सिपाही ने नहीं मांगा मातृत्व अवकाश, डयूटी पर प्रसव पीड़ा और फिर बेटे का जन्म

गर्भावस्था का आखिरी वक्त होने के बाद भी सिपाही अंजू आराम करने व घर वालों को अपनी पीड़ा के बारे में बताकर सहानुभूति बटाेरने की बजाय तैयार होकर बुधवार की सुबह 10 बजे फिर ड्यूटी पर कोतवाली पहुंच गई। कार्य के दौरान ही दोपहर एक बजे पुनः उसे दर्द उठा

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:15 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 10:31 PM (IST)
Inspiring Story: महिला सिपाही ने नहीं मांगा मातृत्व अवकाश, डयूटी पर प्रसव पीड़ा और फिर बेटे का जन्म
महिला सिपाही ने ड्यूटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी जिस तरह निभाई, वह दूसरे कर्मचारियों लिए प्रेरणा है

प्रयागराज, जेएनएन। सेवा में कर्तव्यनिष्ठा की शपथ तो सब लेते हैं मगर इस पर अमल करने वाले कम ही होते हैं। मगर प्रतापगढ़ जनपद में पट्टी कोतवाली की महिला हेल्प डेस्क में तैनात सिपाही ने ड्यूटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी जिस तरह निभाई, वह दूसरे कर्मचारियों लिए प्रेरणा है। गर्भवास्था के दौरान उसने मातृत्व अवकाश लेने की बजाय अंतिम पल तक काम करते हुए पुत्र को जन्म दिया। बच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। यह उसकी दूसरी संतान है। महिला सिपाही की काम के प्रति समपर्ण की सभी सराहना कर रहे हैं।

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गर्भावस्था में लगातार किया काम, कभी नहीं मांगा अवकाश 

कोतवाली में सिपाही के पद पर तैनात अंजू यादव मऊ जनपद के रानीपुर थाना के बकरी गांव की रहने वाली हैं। पिछले दिनों वह गर्भवती थीं। इसके बाद भी नियमित रूप से अपनी ड्यूटी निभा रही थीं। यही नहीं कर्तव्य के प्रति उसके समर्पण का आलम यह रहा कि मंगलवार को भी पूरे दिन ड्यूटी की। इसके बाद शाम को कमरे पर गई तो भोजन के बाद सो गई। रात एक बजे उसे प्रसव पीड़ा हुई तो साथ मौजूद महिला सिपाहियों की सहायता से उसे सीएचसी ले जाया गया। वहां मौजूद नर्स ने उसका चेकअप किया और प्रसव में अभी कुछ और वक्त  होने की बात कहकर सुबह पांच बजे डिस्चार्ज कर दिया। अंजू कमरे पर वापस गई।

सुबह पहुंच गई ड्यूटी पर, दोपहर में बेटे को जना

गर्भावस्था का आखिरी वक्त होने के बाद भी सिपाही अंजू आराम करने व घर वालों को अपनी पीड़ा के बारे में बताकर सहानुभूति बटाेरने की बजाय तैयार होकर बुधवार की सुबह 10 बजे फिर ड्यूटी पर कोतवाली पहुंच गई। कार्य के दौरान ही दोपहर एक बजे पुनः उसे दर्द उठा। सहयोगी महिला सिपाही उसे सीएचसी ले गई वहां दोपहर 2:28 बजे सामान्य प्रसव के बाद उसने बेटे को जन्म दिया। दोबारा मां बनने के अंतिम क्षण तक ड्यूटी पर तैनात रही सिपाही अंजू के जज्बे की लोग तारीफ कर रहे हैं। कोतवाल नंदलाल सिंह का कहना है कि सिपाही को पहले से एक बेटी है। उसने प्रसव संबंधी अवकाश के लिए कोई आवेदन नहीं किया था और ड्यूटी करती रही।


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