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सांप देख घबराए लोगों ने किया हमला, बिल में घुसा तो केमिकल डाला, प्रयागराज में सर्प मित्र ने बचाया

करीब चार दिन पहले की बात है। शहर की पॉश कॉलोनियों में शुमार दरभंगा कॉलोनी के एक बंगले के लॉन में लोगों ने सांप को रेंगते देखा। फिर क्या था सांप के भय से चीख-पुकार मच गई। भीड़ जुटी तो भयभीत होकर उस सांप को मारने का प्रयास किया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 03:36 PM (IST)
शुक्रवार को सर्प मित्र अंकित टारजन ने उस सांप को बिल से निकाला और फिर जंगल में छोड़ दिया।

प्रयागराज, जेएनएन। सांप का नाम लेते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और कहीं घर के अंदर-बाहर देख लिया तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो जाती है। डर की वजह से लोग सांप को किसी भी तरह से दूर भगाने या मारने पर आमादा हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ शहर के दरभंगा कॉलोनी के एक बंगले में जहां सांप दिखने पर घबराए लोगों ने पहले तो उसे मारने की कोशिश की फिर एक बिल में घुसने पर उसमें जहरीले केमिकल डालकर बिल को ढक दिया। हवा बंद होने और जहरीले केमिकल से सांप की हालत खराब हो गई। कहीं से खबर मिली तो शुक्रवार को सर्प मित्र अंकित टारजन ने उस सांप को बिल से निकाला और फिर जंगल में छोड़ दिया। 

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पहले लोगों ने किया हमला, फिर केमिकल डालकर बंद किया बिल में

सांप का किस्सा कुछ यूं है। करीब चार दिन पहले की बात है। शहर की पॉश कॉलोनियों में शुमार दरभंगा कॉलोनी के एक बंगले के लॉन में लोगों ने सांप को रेंगते देखा। फिर क्या था सांप के भय से चीख-पुकार मच गई। भीड़ जुटी तो भयभीत होकर उस सांप को मारने का प्रयास किया गया। लोग उस पर हमला करने लगे तभी वह सांप बचने के लिए बंगले के बगीचे में एक बिल में चला गया। लोग उस लंबे सांप को देखकर इस कदर डरे सहमे थे कि लोगों ने उस बिल को दोनों तरफ से ढक दिया और उसमें फिनायल और काला हिट जैसे कीटनाशक केमिकल भर दिया। चार दिनों से बिल बंद होने की वजह से उसके अंदर जहरीले केमिकल की वजह से सांप एकदम ठंडा पड़ गया। किसी ने इस बारे में सर्प मित्र अंकित को खबर दी तो वह शुक्रवार को दरभंगा कॉलोनी में उस बंगले पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि वह उस सांप को रेस्क्यू करना चाहते हैं। अंकित ने बिल के मुहाने से मिट्टी हटाकर लगभग बेहोशी की हालत में पहुंचे चुके सांप को बाहर निकाला। जहरीले केमिकल के साथ बिल में बंद होने की वजह से सांप की हालत खराब हो चुकी थी। कुछ देर तक पानी डालने के साथ खुली हवा और धूप में रहने पर सांप के शरीर में कुछ हरकत आई। इसके बाद अंकित ने सांप को थैले में डालकर ले गए और अरैल के जंगल में छोड़ दिया। अंकित का कहना था कि वह जीव जंतुओं को बहुत चाहते हैं। इनका रहना बहुत जरूरी है क्योंकि इनसे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है। सांप को अगर कोई खतरा नहीं महसूस हो तो वह काटता नहीं और आमतौर पर मनुष्यों से दूर ही रहता है। उसे इस तरह से केमिकल डालकर बंद करना ठीक नहीं था।


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