फिर आंधी, पानी और ओले का कहर, किसानों की रही-सही उम्मीदें भी धूमिल Prayagraj News
अभी होली के आसपास आंधी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को तबाह कर दिया था। खेतों में लगी फसल खराब हो गई थी। शनिवार को एक बार फिर मौसम में वही सब कुछ देखने को मिला।
प्रयागराज, जेएनएन। मौसम का मिजाज वाकई लोगों के लिए समझना मुश्किल है। होली के आसपास आंधी, बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। वही सब कुछ एक बार फिर शनिवार को देखने को मिला। प्रयागराज के साथ प्रतापगढ़ में सुबह से ही आसमान में छाए कड़कते घने बादलों ने बारिश की। बारिश के पहले तेज आंधी भी भी चली। वहीं ग्रामीण इलाकाें में किसानों के लिए तो यह एक बार आंधी, पानी और ओलावृष्टि फिर शामत ही बनकर आई। रही सही फसल भी चौपट हो गई। इससे अन्नदाता परेशान हैं।
होली के आसपास भी मौसम ने करवट बदली थी
होली के पहले तक तेजी से वातावरण में गर्मी बढ़ रही थी लेकिन होली के दिन से मौसम ने अचानक करवट बदला और आसमान पर बादलों के साथ रिमझिम फुहार भी पड़ने लगी। इससे ठंड भी लौट आई। वहीं होली के दो दिन बाद झमाझम बारिश, आंधी और ओले ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। किसानों को अधिक नुकसान हुआ। यह सब प्रयागराज के साथ ही पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी में नजर आया। बारिश रुक-रुककर व झमाझम दो दिन तक होती रही।
शनिवार को फिर बदला मौसम और बारिश होने लगी
हालांकि फिर मौसम साफ हो गया। इधर पिछले कुछ दिनों से गर्मी तेजी से बढ़ रही थी। तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियम के आसपास हो गया था। वहीं एक बार फिर मौसम ने अचानक करवट बदली और शनिवार की सुबह आसमान में घने बादल छा गए। करीब आधा घंटा तेज आंधी भी चली। इस बीच बारिश शुरू हो गई। इसके बाद बारिश का रुक-रुककर गिरना अभी तक जारी है। तेज गरज के साथ चमकते बादलों ने लोगों को घरों में कैद कर रखा है। यमुनापार के इलाके में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई।
जाती ठंड ठिठकी
शनिवार को बारिश ने वापस लौटती ठंड को रुकने पर विवश कर दिया है। अचानक बदले मौसम से ठंड भी बढ़ गई। पिछले दिनों बढ़ती गर्मी के कारण गर्म कपड़े बाक्स में लोगों ने रख दिए थे। वह एक बार फिर लोगों के शरीर पर नजर आने लगे हैं।
किसानों की रही-सही उम्मीदें भी धूमिल
यमुनापार के ग्रामीण इलाके के किसानों पर तो मानो एक के बाद एक प्रकृति का कहर पड़ रहा है। पिछले दिनों की आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में लगी फसल तबाह हो गई थी। रही सही उम्मीद भी उनकी शनिवार को जाती रही। क्योंकि एक बार फिर प्रकृति की मार से वह टूट से गए हैं। बिन मौसम की बरसात से अन्नदाता काफी मायूस हैं।
यमुनापार में फसलों को अधिक नुकसान हुआ था
मौसम में पिछले दिनों आए बदलाव का फसलों पर भी प्रभाव पड़ा था। बारिश के साथ ओले पडऩे से यमुनापार के कोरांव, मेजा, लेडिय़ारी, खीरी और नारीबारी इलाके में ज्यादातर दलहनी और तिलहनी के साथ गेहूं की अगेती फसलें भी चौपट हो गई थी। पिछले दिनों ओले गिरने से चना, मटर और अरहर की फसलों तथा सरसों व अलसी की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ था। अब जो बचा था वह भी खराब हो गया है।