नौकरी पाने को लगाई इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री Prayagraj News
फर्जी डिग्री लगाने में सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के लोग हैं। इविवि के जानकारों ने बताया कि फर्जी डिग्रियों का सबसे अधिक उपयोग सरकारी सेक्टर के बजाए विदेश की कंपनियों में होता है।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में पांच फर्जी डिग्रियां पाई गईं। फर्जी डिग्रियों का उपयोग नौकरी हासिल करने के लिए किया गया था। सत्यापन के दौरान खुद इविवि प्रशासन भी फर्जी डिग्री देखकर हैरान हो गया। अब मामले में फर्जी डिग्री लगाने वालों पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी है। अब यदि पिछले पांच साल की बात की जाए तो अब तक छह सौ से अधिक डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं।
पहले भी पकडे जा चुके हैं ऐसे कई मामले
इसके पूर्व में भी बड़े पैमाने पर इविवि में फर्जी डिग्रियां जांच के दौरान मिल चुकी हैं। यही नहीं कई विख्यात एवं कुख्यात लोगों ने भी फर्जी डिग्रियों का प्रयोग किया है जिनमें 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के सीरियल बम विस्फोट के आरोपित अंसारुल हस्सान ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाई थी। आतंकी ने जामिया मिलिया में स्नातक में प्रवेश के लिए पहले प्रवेश परीक्षा दी। उसमें सफलता न मिलने पर कंप्यूटर स्पीकिंग का कोर्स करने लगा। इसी दौरान विशेष दस्ते ने उसे पकड़ा था। इसके अलावा पूर्व में आंध्रप्रदेश में पुलिस, पीएससी की भर्ती के दौरान जांच के लिए डिग्रियां पाई थीं। उनमें से करीब आधा दर्जन डिग्रियां फर्जी पाई गई थीं। ऐसे ही पूर्व में शुआट्स में शिक्षक पद पर नौकरी के लिए गए बीएससी व एमएससी प्रथम श्रेणी में पास करने वाले युवक ने डीफिल की फर्जी डिग्री लगा दी थी।
सरकारी से ज्यादा प्राइवेट सेक्टर में इस्तेमाल की जाती है फर्जी डिग्री
फर्जी डिग्री लगाने में सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के लोग हैं। इविवि के जानकारों ने बताया कि फर्जी डिग्रियों का सबसे अधिक उपयोग सरकारी सेक्टर के बजाए विदेश की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में हो रहा है। वहां पर लोग इस चर्चित विश्वविद्यालय की डिग्री इस उम्मीद में लगा देते हैं कि इससे उनकी धाक जमेगी और वह पकड़ में भी नहीं आएंगे।
फर्जी डिग्री लगाने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रामेंद्र सिंह ने बताया कि नौकरी से पूर्व अभिलेख के सत्यापन के दौरान पांच डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। मामले की जांच कराई जा रही है। इसके बाद फर्जी डिग्री लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।