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अवैध शराब के काम से छुटकारा दिलाने के लिए लोगों को रोजगार दिलाएगा आबकारी महकमा

कच्ची शराब बनाने व बेचने का काम गरीब तबके के लोग करते हैं। इन लोगों ने इसे रोजी-रोटी बना लिया है। आबकारी महकमे का मानना है कि ऐसे गरीब लोगों को अगर मनरेगा और इसी तरह की अन्य योजनाओं से जोड़कर रोजगार मुहैया करा दिया जाए

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 07:30 AM (IST)
अवैध शराब के काम से छुटकारा दिलाने के लिए लोगों को रोजगार दिलाएगा आबकारी महकमा
मनरेगा जैसी योजना से जोडऩे को डीएम व सीडीओ से मिलेंगे आबकारी अधिकारी

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। कच्ची शराब के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को आबकारी महकमा रोजगार दिलाने का प्रयास करेगा। उन्हें मनरेगा जैसी योजनाओं से जोडऩे के लिए आबकारी अधिकारी जल्द ही डीएम और सीडीओ से मिलेंगे और अपना प्रस्ताव उनके सामने रखेंगे। आबकारी महकमे का मानना है कि रोजी-रोटी का इंतजाम हो जाने पर इस अवैध कारोबार से लोग जरूर किनारा कर लेंगे। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें किसी रोजगार से जोड़ा जाए।

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मौतों से मचा था कोहराम

प्रतापगढ़ में कच्ची शराब के कारोबार ने मानो कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है। खास तौर पर तराई वाले इलाके लालगंज, सांगीपुर, उदयपुर, अंतू, कोहंड़ौर, रानीगंज, जेठवारा, बाघराय, महेशगंज, कुंडा, हथिगवां, संग्रामगढ़, नवाबगंज में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बनाई और बेची जाती है। यही कच्ची शराब कभी-कभी जहरीली बन जाती है। कुछ दिनों पहले उदयपुर व संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दर्जन भर लोगों की मौत हो गई थी। तब काफी हंगामा मचा था। कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ ही शराब माफिया और उनके कारिंदों पर मुकदमे लिखकर कानूनी शिकंजा कसा गया।

रोजी-रोटी बना लिया है इस काम को

प्रतापगढ़ की तरह अन्य जनपदों में भी जहरीली शराब पीने से आए दिन मौतें होती रहती हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने आबकारी विभाग समेत डीएम व एसपी से दो टूक कहा है कि अवैध शराब के कारोबार पर हर हाल में रोक लगाएं और इस अवैध काम से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें। कच्ची शराब बनाने व बेचने का काम गरीब तबके के लोग करते हैं। इन लोगों ने इसे रोजी-रोटी बना लिया है। आबकारी महकमे का मानना है कि ऐसे गरीब लोगों को अगर मनरेगा और इसी तरह की अन्य योजनाओं से जोड़कर रोजगार मुहैया करा दिया जाए तो इस अवैध धंधे से वे किनारा कर सकते हैं। क्योंकि इन लोगों का यह मालूम हो गया है कि यह अवैध धंधा प्रशासन उन्हें करने नहीं देगा।

आबकारी अधिकारी का है कहना

कच्ची शराब के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को मनरेगा जैसी योजनाओं से जोड़कर रोजगार मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर जल्द ही डीएम, सीडीओ से मिलेंगे।

- संजय कुमार, जिला आबकारी अधिकारी


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