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यूपी में अवैध शराब के खिलाफ चलेगी व्यापक मुहिम, आबकारी विभाग की 'अपनों' पर कड़ी नजर

जहरीली शराब पीने से उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो लोगों की मौत होने पर आबकारी विभाग ने अवैध शराब बनाने व बेचने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 07:43 PM (IST)
यूपी में अवैध शराब के खिलाफ चलेगी व्यापक मुहिम, आबकारी विभाग की 'अपनों' पर कड़ी नजर
यूपी में अवैध शराब के खिलाफ चलेगी व्यापक मुहिम, आबकारी विभाग की 'अपनों' पर कड़ी नजर

प्रयागराज, जेएनएन। जहरीली शराब पीने से उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो लोगों की मौत होने पर आबकारी विभाग ने अवैध शराब बनाने व बेचने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अवैध शराब का धंधा करने व कराने वालों की धर-पकड़ के लिए तेज-तर्रार अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम तैयार की जा रही है। वहीं, विभाग अपने दागी अधिकारियों व कर्मचारियों को इस मुहिम से दूर रखेगा। विभाग को अंदेशा है कि दागी लोगों को मिशन में शामिल करने से महत्वपूर्ण जानकारी लीक होने का खतरा बना रहेगा। इससे अपेक्षा के अनुरूप कार्रवाई नहीं हो पाएगी।

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उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लागू लॉकडाउन के बीच अवैध शराब की बिक्री होने को आबकारी विभाग ने गंभीरता से लिया है। इसके मद्देनजर रविवार को कानपुर नगर के जिला आबकारी अधिकारी अरविंद मौर्य, सर्किल-3 घाटमपुर के आबकारी निरीक्षक अमर सिंह, प्रधान आबकारी सिपाही रमेश कुमार व आबकारी सिपाही जाकिर मुहम्मद को निलंबित कर दिया गया था।

इधर, शासन के प्रमुख सचिव संजय आर. भूसरेड्डी ने हर जिला के जिलाधिकारी को पुलिस, प्रशासन व आबकारी विभाग की संयुक्त टीम गठित करके अवैध शराब व अल्कोहल को पकड़ने के लिए छापेमारी करने का निर्देश दिया है। इस काम में आबकारी विभाग अवैध शराब वाले क्षेत्रों की जानकारी रखने वाले ईमानदार छवि के अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाएगा। साथ ही विभाग शराब माफिया से अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के संबंधों की गुप्त रूप से जांच करा रहा है।

आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने कहा कि अवैध शराब का धंधा रोकने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसे करने व कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारे अधिकारी व कर्मचारी गलत होंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। 

निशाने पर अवैध धंधा वाले क्षेत्र

प्रदेश में उन जिला व क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है जहां अवैध शराब बनाने व बेचने का मामला ज्यादा सामने आता है। वहां तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली परखी जा रही है। यह देखा जा रहा है कि कौन कितने साल से कहां तैनात है? अवैध शराब का धंधा रोकने के लिए क्या किया? अगर किया तो धंधा रुका क्यों नहीं? ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानांतरण दूसरे जिला में करके शराब माफियाओं से उनके रिश्ते की जांच कराई जाएगी। स्थानांतरण के बाद भी जांच जारी रहेगी। अगर वह दोषी मिलते हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग विभाग भी करेगा कार्रवाई

अल्कोहलयुक्त दवाओं व टिंचर का शराब के रूप में दुरुपयोग रोकने के लिए ड्रग विभाग व आबकारी विभाग की संयुक्त गठित होगी। जिलाधिकारी के माध्यम से गठित होने वाली टीम छापेमारी करेगी। अगर कहीं अवैध स्टाक मिलता है तो ड्रग विभाग उसकी अनुज्ञापन निरस्त करने की कार्रवाई करेगा।

गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

शासन शराब माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मन बना चुका है। छापेमारी में पकड़े गए लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उनके खिलाफ गैंगस्टर, गुंडा एक्ट सहित कठोर कार्रवाई की जाएगी।

डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश

छापामारी पर जाने वाली टीम को कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर दिए गए निर्देशों का भी पालन करना होगा। टीम का हर सदस्य को मास्क लगाने, सेनिटाइजर का प्रयोग करने व शारीरिक डिस्टेंसिंग संबंधित निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।


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