पूरब के ऑक्सफोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बनेगा पुरा छात्र संगठन
अपनी रैंकिंग को प्रभावित होने से बचाने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पुरा छात्र संगठन की स्थापना की जाएगी। इससे यहां की गरिमा बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।
प्रयागराज : 'क्योट रामी टोट आरबोरस' (जितनी शाखाएं उतने वृक्ष), ऐतिहासिक पूरब के ऑक्सफोर्ड का यह ध्येय वाक्य है। इस ध्येय वाक्य को चरितार्थ करते हुए विश्वविद्यालय की शाखाओं ने देश और दुनिया भर में अपनी मेधा की जड़ें जमाईं। प्रशासनिक सेवा, न्यायिक सेवा, साहित्य, विज्ञान, शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिसमें यहां के सितारों ने अपनी चमक न बिखेरी हो।
विडंबना यह है कि विश्वविद्यालय के पास अपनी ही शाखाओं का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसका खराब प्रभाव विश्वविद्यालय की रैंकिंग पर भी पड़ रहा है। इससे चिंतित विश्वविद्यालय ने एक डेटा सेल का गठन किया है। यह सेल पुरा छात्र संगठन की भी स्थापना करेगी।
पिछले दिनों विधि विभाग में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने एक डेटा सेल के गठन का आदेश दिया था। इस सेल के गठन का मकसद विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों से जुड़ी सभी सूचनाएं एकत्र करना है। सोमवार को इस सेल का गठन कर दिया गया। भूगोल विभाग के प्रो. एआर सिद्दीकी को इस सेल का चेयरमैन बनाया गया है। उनके साथ असिस्टेंट रजिस्ट्रार किशोर उपाध्याय को सहयोग के लिए लगाया गया है।
प्रो. सिद्दीकी ने बताया कि एनआइआरएस रैंकिंग, वार्षिक रिपोर्ट, ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन, नैक मूल्यांकन में सभी जगह आंकड़े देने होते हैं। इन्हीं आंकड़ों का विश्लेषण कर किसी संस्थान की रैंकिंग निर्धारित की जाती है। विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट का आंकड़ा लगभग शून्य रहता है। इसको देखते हुए विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर एक प्रोफार्मा अपलोड किया है। इस प्रोफार्मा को भरकर ईमेल पर छात्रों को अपलोड करना होगा। इसमें बेसिक जानकारी देनी होंगी। 11 महाविद्यालयों से भी सभी जानकारियां मांगी गई हैं। साथ ही पुरा छात्रों का डेटा देने को कहा गया है। इसमें सुविधाएं, लाइब्रेरी, स्टॉफ व चयनित छात्रों की सूचना देनी होगी।
अर्थशास्त्र विभाग के पुरा छात्र ने दिया था 28 लाख :
अर्थशास्त्र विभाग के पुरा छात्रों के संगठन एल्युमिनाई एसोसिएशन ने विगत वर्ष 28 लाख रुपये का तोहफा संस्थान को दिया था। इस रकम से विभाग के लेक्चर थिएटर को अत्याधुनिक रूप दिया गया है। विश्वविद्यालय में यही एक मात्र ऐसा विभाग है जहां पुरा छात्रों का संगठन है। गौरवशाली अतीत समेटे पूरब के ऑक्सफोर्ड का खुद का कोई पुरा छात्र संगठन नहीं है। उड़ीसा कृषि आयोग के पूर्व अध्यक्ष व पुरा छात्र प्रो. सुधाकर पंडा भी आए। उनके साथ शिष्य डॉ. एचआर खान पूर्व डिप्टी गवर्नर रिजर्व बैंक भी थे। उन्होंने लेक्चर थिएटर की दयनीय दशा देखकर इसे आधुनिक बनाने की ख्वाहिश जताई थी और 28 लाख रुपये दिए थे।
5000 हजार से अधिक हैं प्रशासनिक अधिकारी :
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अब तक एक अनुमान के मुताबिक लगभग पांच हजार आइएएस व पीसीए अधिकारी पढ़कर निकले हैं पर विश्वविद्यालय के पास इसका कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। इसके अलावा कितने राजनेता, अभिनेता, साहित्यकार, शिक्षक, वकील आदि निकले विश्वविद्यालय को नहीं पता है। प्रोफार्मा में वेतन व पद का भी विवरण मांगा गया है।
-प्रो. एआर सिद्दीकी, चेयरमैन डेटा सेल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।