हाईकोर्ट : सांसद आजम के करीबी पूर्व डीएसपी की सशर्त जमानत मंजूर
याची के अधिवक्ता एसएफए नकवी का कहना था कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद राजनीतिक द्वेष के चलते 2019-2020 में 54 आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें से 27 मामलों में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के सांसद मो. आजम खां के करीबी सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन खान की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। उन्हेंं रामपुर से दिल्ली जाते समय फर्जी आधार कार्ड के साथ 11 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इससे संबंधित एफआइआर सिविल लाइंस थाना रामपुर में दर्ज करायी गयी है।
याची के अधिवक्ता एसएफए नकवी का कहना था कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद राजनीतिक द्वेष के चलते 2019-2020 में 54 आपराधिक मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें से 27 मामलों में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगी है, जबकि 25 मामलों में याची को सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत दी है। याची को राष्ट्रपति ने गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा है। वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि याची के खिलाफ 57 आपराधिक मामलों का इतिहास है। कई मामलों में यह आजम खां के साथ आरोपी हैं।
अंशकालिक अनुदेशक का नवीनीकरण न करने पर जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंशकालिक अनुदेशक (कला शिक्षा) का नवीनीकरण न करने पर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है। कहा कि याची का नवीनीकरण न करने के कारण का दस्तावेज हलफनामे के बाद दाखिल किया जाए। याचिका की सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने नीतू की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अन्य का नवीनीकरण कर दिया गया है और उसका नहीं किया गया। नवीनीकरण न करने की कोई वजह भी नहीं बतायी गयी है। याची का कहना है कि 31 जनवरी 2013 को संविदा पर कला शिक्षा के अनुदेशकों की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसमें याची की अंशकालिक नियुक्ति की गयी। शासनादेश के पैरा छह में नवीनीकरण की व्यवस्था की गयी है। लेकिन, याची को मई 2019 से बिना किसी कारण टर्म नहीं बढ़ाया गया है।