इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चार व्यावसायिक कोर्स बंद, घट गए रोजगार के अवसर Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 में चार व्यावसायिक कोर्सों को अचानक बंद कर दिया था। इससे रोजगार के अवसरों पर बाधा उत्पन्न हो गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कुछ वर्ष पहले अचानक चार रोजगारपरक कोर्स बंद कर दिए थे। हालांकि, उन विभागों से निकले छात्र वर्तमान में देश-विदेश में इविवि का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे में ये कोर्स बंद होने के साथ रोजगार के अवसरों पर भी ताले लटक गए हैं। अब इन कोर्स को दोबारा शुरू करने की मांग उठने लगी है।
कुछ वर्ष पहले अचानक सभी कोर्स बंद कर दिए गए
इविवि में अक्टूबर 2002 में चार रोजगारपरक कोर्स शुरू किए गए थे। इनमें डिप्लोमा इन कॉर्टोग्राफी एंड सर्वेंइंग, डिप्लोमा इन टाउन कंट्री प्लानिंग, डिप्लोमा इन टूरिज्म एडमिनिस्टे्रशन और डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस की शुरुआत हुई। सभी कोर्सों का चेयरमैन प्रोफेसर जीके राय को नियुक्त किया गया। सबक ुछ ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन कुछ वर्ष पहले अचानक सभी कोर्स बंद कर दिए गए। इससे न सिर्फ छात्र-छात्राओं का नुकसान हुआ बल्कि करोड़ों रुपये के उपकरण धूल फांक रहे हैं।
कोर्स को दोबारा शुरू कराए जाने की मांग
अब कोर्स को दोबारा शुरू कराए जाने की मांग भी उठने लगी है। इसके पीछे उपकरणों को बचाने के साथ रोजगार के तमाम अवसरों को भी खोलने का प्रयास बताया जा रहा है। भूगोल विभाग में चलने वाले रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस कोर्स को शुरू कराने में प्रो. आलोक दुबे का योगदान था। यह लैब भूगोल विभाग के फाउंडर प्रो. आरएन दुबे के नाम संचालित था। इसमें एक बार में केवल 20 लोगों को प्रवेश मिल सकता था।
विदेशों में डंका बजा रहे रिमोट सेंसिंग के छात्र
रिमोट सेंसिंग और हाईटेक कार्य प्रणाली से सुसज्जित भूगोल की अहम शाखा ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम यानी जीआइएस का डिप्लोमा लेने के बाद वर्तमान में छात्र विदेशों में नौकरी कर रहे हैं। यह कोर्स करने के बाद डिजास्टर मैनेजमेंट, नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एनआरएसए), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर, नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआइसी), मिलिट्री कमांड, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, अर्बन डेवलपमेंट ऑथारिटी, इमरजेंसी मैनेजमेंट, बिजनेस एप्लीकेशन आदि क्षेत्र में रोजगार के अवसर रहते हैं।