करेंसी चेस्ट में सेंध की जांच आर्थिक अपराध शाखा करेगी Prayagraj News
पुलिस को अब तक डेली ट्रांजेक्शन और क्लोजिंग बैलेंस रिपोर्ट नहीं मिली है। सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह के मुताबिक सबसे पहले वादी का ही बयान दर्ज होगा।
प्रयागराज, जेएनएन : बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से 4.25 करोड़ रुपये गायब कर ब्याज पर चलाने के मामले की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा से कराने की तैयारी है। दरअसल एक करोड़ से अधिक के मामलों की जांच पुलिस से ट्रांसफर होकर आर्थिक अपराध शाखा को जाती है, इसलिए इस मामले को ट्रांसफर करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। जब तक जांच ट्रांसफर नहीं हो जाती, पुलिस अपनी तफ्तीश करती रहेगी।
पुलिस को इस मामले में अब तक महज इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट ही मिली है। पुलिस ने बैंक प्रबंधन बैंक अधिकारियों द्वारा की गई जांच रिपोर्ट भी मांगी है। साथ ही कहा है कि अपनी जांच पूरी कर सीसीटीवी रिकार्डिंग और डीवीआर यथाशीघ्र सौंप दिया जाए ताकि कोई साक्ष्य मिटाए न जा सकें। पुलिस को अब तक डेली ट्रांजेक्शन और क्लोजिंग बैलेंस रिपोर्ट नहीं मिली है। सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह के मुताबिक सबसे पहले वादी का ही बयान दर्ज होगा। फिलहाल बैंक की दो टीमें जांच के लिए आई हैं, इसलिए पुलिस अभी बयान नहीं दर्ज कर सकी है। जब तक मामला आर्थिक अपराध शाखा को नहीं जाता, पुलिस अपनी कार्रवाई करती रहेगी। मुख्य आरोपित समेत तीनों आरोपितों का पता भी बैंक प्रबंधन ने नहीं बताया है। रिपोर्ट अज्ञात पते पर हुई है, इसलिए आरोपितों की तलाश संभव नहीं है। बता दें कि बैंक आफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम करेंसी चेस्ट से 4.25 करोड़ रुपये गायब करने के आरोपित बनाए गए हैं। जांच में साफ हुआ कि उन्होंने अपने दो साथियों के साथ मिलकर यह रकम ब्याज पर चलवा दी थी।