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Coronavirus effect : शहर की दो सौ साल पुरानी गहरेबाजी परंपरा पर लगा ग्रहण Prayagraj News

अंग्रेजी हुकूमत में हिंदू व मुसलमानों में एकता प्रदर्शित करने के लिए शुरु हुई थी। पहले तो ग्रामीण क्षेत्रों में गहरेबाजी का आयोजन कर दोनों समुदाय के लोगों को एकजुट किया जाता था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 02:32 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 02:32 PM (IST)
Coronavirus effect : शहर की दो सौ साल पुरानी गहरेबाजी परंपरा पर लगा ग्रहण Prayagraj News
Coronavirus effect : शहर की दो सौ साल पुरानी गहरेबाजी परंपरा पर लगा ग्रहण Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  सावन के प्रत्येक सोमवार को प्रयागराज मेें गहरेबाजी (तांगा दौड़) की करीब 200 साल पुरानी अति रोमांचकारी परंपरा इस बार कोविड-19 की भेंट चढ़ गई।  न सरपट भागते घोड़ों और इक्कावान में उत्साह भरते दर्शकों की भीड़ है और न ही ऐसा कोई रोमांच जिससे कि गहरेबाजों के मन में ही सोमवार आने की बेचैनी हो। घोड़ों की टक-बक से काली सड़क पर निकलने वाली चिंगारी भी इस बार कहीं खो सी गई है। गंगा-जमुनी तहजीब को और भी प्रगाढ़ करती इस रेस के फीकी पडऩे का मलाल सभी को है।

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एकता का प्रतीक है गहरेबाजी

प्रयागराज गहरेेबाजी संघ के अध्यक्ष बदरे आलम कहते हैं कि घोड़ों की खुराक पर ही साल भर में भारी भरकम धनराशि खर्च हो जाती है। वजह सिर्फ इतनी सी है कि सालों-साल से मन में भरा रोमांच किसी भी सूरत में कम न होने पाए। उनके ही नहीं अन्य गहरेेेबाजों के साथ भी यही बेचैैनी रहती है कि कैसे सावन का महीना जल्दी से आए और सोमवार को इक्के लेकर हम लोग हवा से बातें करने के लिए सीएमपी वाली सड़क पहुंच जाएं। बताया कि अंग्रेजी हुकूमत में हिंदू व मुसलमानों में एकता प्रदर्शित करने के लिए इसकी शुरुआत हुई थी। पहले तो ग्रामीण क्षेत्रों में गहरेबाजी का आयोजन करके दोनों समुदाय के लोगों को एकजुट किया जाता था।

आने वाले साल में दोगुने उत्‍साह से होगा आयोजन

देश को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद उसे शहरीय क्षेत्र में आयोजित किया जाने लगा। यह परंपरा कभी रुकी नहीं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बेहद समृद्धशाली परंपरा से भी हाथ खींचना पड़ा। कहा कि स्थिति ठीक होने पर अगले वर्ष इसका दोगुने उत्साह से भव्य आयोजन किया जाएगा।

 पहुंचे थे घोड़े दौड़ाने, पुलिस ने लाठी लेकर खदेड़ लिया

तांगा दौड़ाने के लिए  सोमवार को केपी इंटर कालेज के सामने पहुंचे गहरेबाजों को पुलिस ने खदेड़ लिया। चार लोग अपने-अपने घोड़े लेकर केपी इंटर कॉलेज के पास दोपहर में पहुंचे थे। जार्जटाउन पुलिस ने इन्हें गहरेबाजी नहीं करने दी। पुलिस का कहना था कि गहरेबाजी की अनुमति नहीं है। कोरोना काल को देखते हुए प्रयागराज गहरेबाजी समिति ने जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली थी। बावजूद इसके सोमवार अपराह्न चार लोग घोड़े लेकर केपी इंटर कॉलेज के पास पहुंच गए थे । भीड़ एकत्र होते देखकर पुलिस कर्मियों ने खदेड़ दिया होगा।

उधर, प्रयागराज गहरेबाजी समिति के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज का कहना है कि रविवार को एडीएम और सीओ से फोन पर बात हुई थी। जिस पर उन्होंने साफ कहा था कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार गहरेबाजी का आयोजन नहीं किया जाएगा। राजीव ने कहा कि सोमवार को जो लोग गहरेबाजी के लिए वहां पहुंचे थे, वह बिल्कुल गलत था।


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