Move to Jagran APP

Dussehra 2022: श्रीराम-रावण की सेना का सजीव युद्ध देखना है तो यहां आइए, कुप्‍पी युद्ध की अनूठा है परंपरा

Dussehra 2022 कौशांबी जिले में दारानगर का अनोखा दशहरा मेला होता है। यहां विजयदशमी के अवसर पर दो दिन श्रीराम और रावण की सेना आमने-सामने लड़ती है। बताते हैं कि यह परंपपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। सजीव युद्ध को देखने कई जिलों से भीड़ जुटती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 03:37 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 03:37 PM (IST)
Dussehra 2022: श्रीराम-रावण की सेना का सजीव युद्ध देखना है तो यहां आइए, कुप्‍पी युद्ध की अनूठा है परंपरा
Dussehra 2022 दशहरे के अवसर पर कौशांबी जिले में श्रीराम व रावण के सैनिकाें के बीच कुप्पी युद्ध होगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कौशांबी जिले के 51वीं शक्तिपीठ कड़ा धाम है। यहां दारानगर का कुप्‍पी युद्ध ऐतिहासिक है। विजयदशमी के उपलक्ष्‍य में दो दिन कुप्‍पी युद्ध होता है। श्रीराम की सेना भगवा वस्‍त्र पहनती है तो रावण की सेना काला वस्‍त्र पहनकर आमने-सामने लड़ती हैं। इस युद्ध को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। सीटी बजते ही दोनों दलों के लोग एक-दूसरे पर प्लास्टिक की कुप्पी से वार करेंगे।

loksabha election banner

कौशांबी के दारानगर का अनोखा दशहरा : कौशांबी जिले में दारानगर में अनोखा दशहरा मनाया जाता है। यहां विजयदशमी के अवसर पर दो दिन श्रीराम और रावण की सेना आमने-सामने लड़ती है। बताते हैं कि यह परंपपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। विजयदशमी के अवसर पर श्रीराम और रावण की सेना के बीच सजीव युद्ध होता है। दोनों दलों के बीच हो रहे कुप्पी युद्ध की वजह से दारानगर की छाप पूरे में प्रदेश में हैं। इसे देखने के लिए गैर जनपद के लोग भी पहुंचते हैं।

पुरानी कुप्‍पी युद्ध की परंपरा आज भी जीवंत है : आइए जानें इसका महत्‍व। कौशांबी के सिराथू तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत दारानगर की रामलीला का अलग महत्व है। यहां पर 243 वर्ष के आसपास गांव के लोगों ने भी रामलीला के मंचन व कुप्पी युद्ध का आयोजन शुरू कराया था। इस परंपरा का आज भी निर्वहन लोग करते हैं। रामलीला कमेटी की ओर से यह आयोजन कराया जाता है।

कई चक्रों में श्रीराम-रावण की सेना लड़ती है : पहले दिन तीन चक्रों में कुप्‍पी युद्ध होता है। वहीं दूसरे दिन चार चक्रों में होता है। यानी चार चक्रों में श्रीराम और रावण की सेना के बीच युद्ध होता है। हर चक्र में 10 मिनट तक लड़ाई होती है। इस दौरान दोनों दलों से 20-20 सदस्य शामिल होते हैं।

श्रीराम सेना भगवा वस्‍त्र में व काले कपड़ों में रावण की सेना दिखती है : रणभूमि में श्रीराम की सेना भगवा रंग का वस्त्र धारण पहनती है तो रावण की सेना काला वस्‍त्र पहनती है। युद्ध में पांच संचालक भी रहते हैं। वे सीटी बजाते हैं तो दोनों तरफ की सेनाएं हाथों में प्‍लास्टिक की कुप्‍पी लेकर लड़ने लगती हैं। युद्ध का विराम भी सीटी बजने के बाद ही होता है। यहां एक बात खास है कि हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग आपसी सौहार्द का परिचय देते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.