पूजा पंडालों में गूंजा शेरावाली का जयकारा, नम आंखों से दी विदाई
विजयदशमी के दिन पूजा पंडालों में स्थापित देवी दुर्गा की प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। रास्ते भर भक्त ढोल तासों की धुन पर नाचते गाते, अबीर और गुलाल उड़ा रहे थे।
प्रयागराज : शारदीय नवरात्र के समापन पर विजयदशमी तिथि पर मां भगवती की विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद भक्तों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा निकाली गई। अबीर-गुलाल उड़ाते, नाचते-गाते भक्तों का उत्साह निराला रहा। वहीं ढोल और तासे की थाप पर भक्त झूमते नजर आए। इस दौरान संगम क्षेत्र में बनाए गए अस्थाई तालाब में मूर्तियों को प्रवाहित किया गया।
उल्लेखनीय है कि नवरात्र की पंचमी तिथि पर शहर के विभिन्न स्थानों पर दुर्गापूजा बारवारी कमेटियों की ओर से आकर्षक पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया था। मां दुर्गा के साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती, श्रीगणेश और स्वामी कार्तिकेय की भी प्रतिमाओं को पूजा पंडाल में स्थापित किया गया था। पिछले चार दिनों तक सुबह से लेकर देर रात तक पूजा पंडाल मां के जयकारे से गुंजायमान रहे।
शुक्रवार को विजयदशमी के दिन पूजन-अर्चन के बाद सुबह जयकारों के बीच भक्तों ने विभिन्न वाहनों पर प्रतिमाओं को रखकर विसर्जन शोभायात्रा निकाली। बैरहना, जेटी गोल्डेन जुबली, लूकरगंज, रामानंद नगर, कालिंदीपुरम्, बाई का बाग, अलोपीबाग, टैगोर टाउन, जार्जटाउन, कीडगंज समेत हर मुहल्ले के पूजा पंडालों और कई ग्रामीण इलाकों की भी दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा निकाली गई। वैसे तो हर मार्ग पर हजारों की भीड़ विसर्जन यात्रा देखने के लिए जुटी रही। वहीं जिन मार्गों से होकर यात्रा निकल रही थी, जाम की स्थिति रही। बैरहना से लेकर संगम क्षेत्र तक तो जाम अधिक रहा।
उधर शोभायात्रा में नाचते-गाते, अबीर-गुलाल उड़ाते भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। इसके पूर्व सुबह पूजा पंडालों में विधि-विधान से मां की पूजा व हवन किया जाएगा। बंगाली महिलाएं सिंदूर खेलेंगी। इसके बाद मां की प्रतिमा का विसर्जन यात्रा निकाली गई। संगम क्षेत्र में अस्थाई तालाब के आसपास सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहा। पुलिस अधिकारी व सिपाही, इंस्पेक्टर आदि सभी मुस्तैद रहे। वहां बिजली का भी प्रबंध किया गया है।