अंधविश्वास के चक्कर में करते रहे लाश की झाड़-फूंक जबकि बीमारी से हुई थी बेटी की मौत
डीहा गांव में तंत्र-मंत्र के जरिए जिस अंतिमा को जिंदा करने की कोशिश की जा रही थी उसकी मौत बीमारी (सेप्टीसीमिया) से हुई थी। बुधवार को दो डाक्टर के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया तो पुलिस को पता चला है कि अंतिमा की मौत बीमारी से हुई है
प्रयागराज, जेएनएन। करछना के डीहा गांव में तंत्र-मंत्र के जरिए जिस अंतिमा को जिंदा करने की असफल कोशिश की जा रही थी, उसकी मौत बीमारी (सेप्टीसीमिया) से हुई थी। बुधवार को दो डाक्टर के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। पीएम रिपोर्ट से पुलिस को पता चला है कि युवती अंतिमा की मौत बीमारी से हुई है। उसके साथ और कुछ तो नहीं हुआ, इसकी जांच के लिए विसरा सुरक्षित किया गया है, जिसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। उधर, स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती अंतिमा की बहनों का इलाज चल रहा है। उनकी हालत में सुधार होने की बात कही गई है। घरवालों ने गांव में ही अंतिमा का अंतिम संस्कार किया।
तंत्र-मंत्र के चक्कर में पांच दिन छिपाई थी लाश
डीहा गांव निवासी अभयराज यादव की छोटी बेटी अंतिमा की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी पत्नी व परिवार के दूसरे सदस्य अंतिमा के शव को घर में रख लिया और फिर तंत्र-मंत्र के जरिए जिंदा करने की नाकाम कोशिश शुरू हुई। मंगलवार रात दुर्गंध आने पर अभयराज के घर में चल रहे अंधविश्वास का पता चला तो खलबली मच गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। गांव में पुलिस, प्रशासन और डाक्टरों टीम कई घंटे तक स्थिति से निपटने के लिए जूझती रही। एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह सेप्टीसीमिया आयी है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज करके आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
एक साल से नहीं कर रहे थे खेती-
पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला कि अभयराज का परिवार पिछले एक साल से खेती नहीं कर रहा था। पत्नी व बच्चे मिलकर उसे घर के कमरे में बंद कर देते थे, ताकि वह तंत्र-मंत्र के दौरान किसी तरह की अड़चन न पैदा करने पाए। पत्नी दिन रात अंधविश्वास के बीच पूजा-पाठ करती रहती थी।
कई किलो घट गया सभी का वजन
भूख लगने पर गंगाजल और पानी पीने के कारण परिवार के सभी सदस्यों का वजन काफी घट गया था। करीब 22 वर्ष के युवक का वजन भी 35 किलो के आसपास बताया गया। ऐसा ही हाल लड़कियों का भी रहा, जिन्हें देखकर लोग चौंकते थे कि आखिर इतनी दुबली-पतली क्यों हैं।