डायोसिस ऑफ आगरा के आर्च बिशप बने डॉ. राफी मंजली
डायोसिस ऑफ इलाहाबाद के बिशप डॉ. राफी मंजली को आर्च बिशप बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : डायोसिस ऑफ इलाहाबाद के बिशप डॉ. राफी मंजली को आर्च बिशप की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। पोप फ्रांसिस ने उनकी नियुक्ति की है। वह डायोसिस ऑफ आगरा के तहत काम करेंगे। मुख्यालय आगरा में है। आर्च बिशप के रूप में डॉ. राफी प्रदेशभर के 14 बिशप के मुखिया होंगे। इससे पहले एल्बर्ट डिसूजा आर्च बिशप थे। उनके सेवानिवृत्त होने पर डॉ. राफी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ. राफी आर्च बिशप बनने वाले डायोसिस ऑफ इलाहाबाद के पहले बिशप हैं।
सात फरवरी 1958 को केरल राज्य के वेंदोर गांव में जन्मे डॉ. राफी मंजली बचपन से धार्मिक स्वभाव के थे। शुरुआती शिक्षा केरल में ग्रहण करने के बाद उत्तर प्रदेश आ गए। स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधि आगरा विश्वविद्यालय से प्राप्त की। एंजेलिकम यूनिवíसटी ऑफ रोम, इटली से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की। 1973 में फादर बनने का प्रशिक्षण आगरा स्थित सेंट लॉरेंस माइनर सेमिनरी में प्राप्त किया। फिर सेंट जोसेफ के क्षेत्रीय सेमिनरी, प्रयागराज आ गए। यहां दर्शन और धर्मशास्त्र पर अध्ययन किया। उन्हें 11 मई, 1983 को सर्वप्रथम आगरा महाधर्म प्रांत के लिए पुरोहित नियुक्त किया गया था। उनकी बेहतर सेवा को देखते हुए पोप बेनेडिक्ट ने 30 अप्रैल 2007 को वाराणसी धर्मप्रांत का बिशप नियुक्त किया। पोप फ्रासिस ने तीन दिसंबर 2013 को उन्हें डायोसिस ऑफ इलाहाबाद का बिशप नियुक्त किया। बिशप के रूप में वह 12 जिलों में संचालित 35 शिक्षण संस्थानों, 12 हजार कैथलिकों, अस्पतालों और सामाजिक कार्यो का संचालन कर रहे थे। डॉ. राफी के आर्च बिशप बनने पर कैथलिक मसीहियों ने खुशी मनाई। सैकड़ों लोग आवास पर शुभकामनाएं देने पहुंचे।