प्रयागराज में दो दिन तक उग्र हाथी ने किया तोड़फोड़, डॉक्टरों की टीम ने इस तरह काबू में किया
गोरखपुर और मथुरा से आई डाक्टरों की टीम ने ट्रेंकुलाइजर गन से प्रयागराज में बेकाबू हो चुके हाथी को बेहोश किया। इसके बाद हाथी को बांधा गया। सुबह चार घंटे के आपरेशन में सफलता मिली।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले में उतरांव थाना क्षेत्र में बेकाबू हो चुके हाथी को आखिर मंगलवार की सुबह काबू में कर लिया गया है। एक वृद्ध को पटक कर मौत की नींद सुलाने वाले इस हाथी का लगातार दो दिन तक क्षेत्र में आतंक रहा। जब स्थानीय टीम ने हाथ खड़ा कर दिया तो उग्र हो चुके हाथी को पकड़ने के लिए गोरखपुर और मथुरा से डॉक्टरों की टीम बुलाई गई। सुबह चले करीब चार घंटे के आपरेशन के बाद हाथी को ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश करके नियंत्रित किया गया। इस दौरान वहां पुलिस, वन विभाग कर्मी और अधिकारियों के साथ ग्रामीणों की उपस्थिति रही।
महीने भर वन विभाग की निगरानी में रहेगा हाथी
ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से उग्र हाथी को काबू में कर लिया गया है। हालांकि हाथी को दिमागी रूप से स्थिर होने में कम से कम एक पखवारे से महीने भर लगने की उम्मीद है। उसके अंदरूनी चोट लगने की भी संभावना है। इसलिए अभी 24 घंटे गोरखपुर और मथुरा से आई डाक्टरों की टीम उसकी निगरानी करेगी। दवा के जरिए उसे पूर्ववत अवस्था में लाने की कोशिश की जाएगी। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। डीएफओ वाईपी शुक्ला का कहना है कि जब तक हाथी स्वास्थ्य नहीं हो जाएगा, तब तक वह वन विभाग की निगरानी में रहेगा। उसे गांव में ही रखा जाएगा।
भोर में हाथी को पकड़ने का ऑपरेशन चार घंटे चला
उतरांव के सराय इस्माइल गांव के सदरेपुर मजरा में उग्र हुए हाथी को काबू में करने के लिए मंगलवार भोर में करीब पांच बजे ऑपरेशन शुरू किया गया। गोरखपुर और मथुरा से आई डाक्टरों की टीम ने मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइजर गन से हाथी को बेहोश किया। इसके बाद हाथी को बांधा गया। यह आपरेशन करीब नौ बजे पूरा हुआ। हाथी को क्या करना है, फिलहाल इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है।
हाथी को काबू में करने के दौराबयान तमासबीन भी मौजूद रहे
जहां एक ओर गोरखपुर और मथुरा से आई डाक्टरों की टीम उग्र व खतरनाक हो चुके हाथी को काबू में शुरू करने का आपरेशन शुरू किया तो वहां मजमा लगा था। हालांकि भोर में आपरेशन शुरू किया गया लेकिन काफी संख्या में लोग भी मौजूद रहे। वन अधिकारियों और पुलिस टीम के बीच अभियान शुरू किया गया। पुलिस ने खतरनाक हो चुके हाथी को नियंत्रित करने के दौरान लोगों को भीड़ न लगाने की भी सलाह दे रही थी।
आसपास के घरों के लोग छतों से देख रहे थे नजारा
उग्र हाथी को कंट्रोल करने के लिए करीब चार घंटे तक चले आपरेशन काे देखने के लिए आसपास के घरों की छतों पर भी मौजूद थे। वहां से प्रत्येक गतिविधियों को देख रहे थे। आपरेशन के दौरान लोगों में दहशत भी था क्योंकि इसी उग्र हाथी ने एक की जान ले ली थी। जब हाथी को बेहोश कर बांधा गया तो लोग उसके पास जाने का भी उपक्रम करते रहे। हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें वहां जाने से मना किया।
हाथी ने वृद्ध को पटक कर मार डाला था
पालतू हाथी ने रविवार की दोपहर पन्नालाल (70) को तब सूंड़ से पटक कर मार डाला था। वह रोटी खिलाने के बाद अगरबत्ती व फूल लेकर उसकी पूजा कर उसे मनाने गया था। इसके बाद उसके उग्र तेवर देख कोई हाथी के पास नहीं गया। रात में उसने फिर बिजली के कई खंभे तोड़ डाले थे। सोमवार की दोपहर से ही वह मजरे में रामचंद्र यादव के दरवाजे पर खड़ा था। सुबह कंजरवेटर, डीएफओ समेत वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। साथ ही दमकल कर्मियों के अलावा उतरांव पुलिस भी थी लेकिन कोई उस पर काबू नहीं पा सका।