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Coronavirus : मां के गर्भ में शिशु तक पहुंचा कोरोना वायरस, डॉक्टर हैरान Prayagraj News

नवजात भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। इस रिपोर्ट ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बच्चे को मां के गर्भ में ही कोरोना वायरस हो गया था?

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 08:32 AM (IST)
Coronavirus : मां के गर्भ में शिशु तक पहुंचा कोरोना वायरस, डॉक्टर हैरान Prayagraj News
Coronavirus : मां के गर्भ में शिशु तक पहुंचा कोरोना वायरस, डॉक्टर हैरान Prayagraj News

प्रयागराज [मनीष मिश्र]। अभी तक सांस, मुंह, व नाक से निकलने वाली ड्रापलेट्स और थूक से ही कोरोना वायरस (कोविड-19) का खतरा माना जाता था, लेकिन इस वायरस ने धीरे-धीरे लोगों को संक्रमित करने का रास्ता बदल दिया है। यह शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि मां का गर्भ भी। ऐसा ही एक मामला मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में आया। कोरोना संक्रमित मां ने जिस बच्ची को जन्म दिया, वह कोरोना संक्रमित मिली है। इससे डॉक्टर भी हैरान हैं। इसकी प्रामाणिकता जानने के लिए मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमृता चौरसिया ने रिसर्च के लिए इसे केस स्टडी के रूप में लिया है। 

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प्रतापगढ़ की कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का प्रसव 12 मई को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में कराया गया। आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की गाइडलाइन का पालन करते हुए डॉक्टर की टीम ने प्रसव कराया। जन्म के तत्काल बाद ही नवजात बच्ची को ओटी से हटाकर सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में रखा गया। चूंकि मां कोरोना संक्रमित थी, इसलिए नवजात का सैैंपल भी जांच के लिए भेजा गया। 48 घंंटे बाद आई रिपोर्ट में वह भी संक्रमित मिली। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया कि क्या नवजात को मां के गर्भ में ही कोरोना वायरस हो गया था? डॉ. चौरसिया कहती हैं कि यह संभव हो सकता है।

कुछ वायरस पेट में ही बच्चे को संक्रमित कर देते हैं

डॉ. अमृता चौरसिया बताती हैं कि यह एक नया वायरस है, इस पर तमाम अध्ययन चल रहे हैं। धीरे-धीरे यह पता चल रहा है कि शरीर के किस-किस हिस्से को यह प्रभावित कर सकता है। एसआरएन अस्पताल में महिला का प्रसव हमारी देखरेख में हुआ। प्रसव के दौरान प्रत्येक स्टेप को टीम ने गाइडलाइन के मुताबिक किया। यहां तक कि मां को नवजात को दिखाया तक नहीं गया है। जन्म के तुरंत बाद ही उसे मां से अलग करा दिया गया था। इससे यह साफ साबित होता है कि नवजात को गर्भ में ही कोरोना का संक्रमण हो गया था। इस मामले को आइसीएमआर को भी भेजेंगे। हम भी रिसर्च कर रहे हैं कि आखिर कोरोना वायरस गर्भ तक और फिर नवजात तक कैसे पहुंचता है।


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