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बच्चों में अस्थमा की समस्या को हल्के में न लें, समय से कराएं इलाज Prayagraj News

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग व इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक की पीडियाट्रिक्स अपडेट पर संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों से आए बाल रोग विशेषज्ञों ने टिप्‍स दिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 03:17 PM (IST)
बच्चों में अस्थमा की समस्या को हल्के में न लें, समय से कराएं इलाज Prayagraj News
बच्चों में अस्थमा की समस्या को हल्के में न लें, समय से कराएं इलाज Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बच्चों में भी अस्थमा की समस्या बढ़ रही है। इस समस्या को हल्के में न लें, क्योंकि आगे चलकर बीमारी और गहरी हो सकती है। अगर अस्थमा का समय से इलाज शुरू करा देंगे तो यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। यह सलाह दी है नई दिल्ली स्थित एम्स से आए डॉ. एसके कावरा ने। वह 'पीडियाट्रिक्स अपडेट' विषयक संगोष्ठी में शामिल होने के लिए प्रयागराज आए।

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एमएलएन मेडिकल कॉलेज की संगोष्ठी में जुटे देश भर के बाल रोग विशेषज्ञ

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग व इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक की ओर से 'पीडियाट्रिक्स अपडेट' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों से आए बाल रोग विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया। साथ ही अपनी सलाह भी दी। डॉ. कावरा ने कहा कि बड़ों व बच्चों के अस्थमा में फर्क होता है। बच्चों के अस्थमा का इलाज समय से हो जाए तो ठीक हो सकता है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एके दत्ता ने टीकाकरण के नए नियमों के बारे में बताया। कहा कि पोलियो का टीका जन्म के एक माह के अंदर लगवाना चाहिए। पहले जन्म के तीन माह के अंदर यह टीका लगवाना होता था।

पेट के कीड़े मस्तिष्क में जब पहुंचते हैं तो भी दौरा पड़ता है : डॉ. राजनीति

वाराणसी से आए डॉ. राजनीति प्रसाद ने बच्चों में दौरा पडऩे के कारणों के बारे में बताया। कहा कि बच्चों में दौरे का कारण मिर्गी हो सकता है। पेट के कीड़े मस्तिष्क में जब पहुंच जाते हैं तो इससे भी दौरा पड़ता है। ऐसी स्थिति में घर के दरवाजे व खिड़की खोल दें। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से आए डॉ. केपी कुशवाहा ने बच्चों में मलेरिया व संक्रामक बीमारियों के बचाव व नई दवाओं के बारे में बताया।

बच्चों में मधुमेह की बीमारी व इलाज पर चर्चा

चंडीगढ़ से आए डॉ. दीपक चावला ने बच्चों में मधुमेह की बीमारी व इलाज पर चर्चा की। इसके पूर्व संगोष्ठी का उद्घाटन सरोजनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मुकेश वीर सिंह ने किया। संचालन डॉ. नेहा दुआ और डॉ. इशिता बनर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर डॉ. आरके यादव, डॉ. मनीषा मौर्य, डॉ. पी. मूर्ति, डॉ. अनुराग वाजपेयी, डॉ. शैलेंद्र आदि मौजूद रहे।


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