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जिला कचहरी के वकीलों की हड़ताल खत्म

अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड के मामले को लेकर पिछले नौ दिनों से जिला कचहरी के वकील हड़ताल पर थे। शनिवार को प्रशसनिक न्यायमूर्ति के आश्वासन पर हड़ताल खत्म करा दी गई। हालांकि हत्याकांड को लेकर अधिवक्ता संघ ने हाईकोर्ट में पीआइएल दाखिल करने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 08:02 AM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 08:02 AM (IST)
जिला कचहरी के वकीलों की हड़ताल खत्म
जिला कचहरी के वकीलों की हड़ताल खत्म

जासं, इलाहाबाद : अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड को लेकर पिछले नौ दिनों से चल रही कचहरी के वकीलों की हड़ताल शनिवार को खत्म हो गई। प्रशासनिक न्यायमूर्ति के आश्वासन पर अधिवक्ता संघ ने कार्य बहिष्कार न करने का फैसला लिया है। हालांकि सनसनीखेज ढंग से हुई हत्या को लेकर अधिवक्ता संघ हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआइएल) दाखिल करेगा। इसमें हत्याकांड की निगरानी हाईकोर्ट की देखरेख में करने, अधिवक्ताओं की सुरक्षा और मृतक के परिवार का मुद्दा उठाया जाएगा।

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अधिवक्ता संघ भवन में शनिवार सुबह 11 बजे आम सभा की बैठक हुई। अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, मंत्री कृष्ण चंद्र मिश्रा, मनोज कुमार सिंह व अमित निगम, लक्ष्मीकांत, नितिन, बृजेश, मनोज, जफर, अजय, आलोक, ईश्वरनाथ, अरुण, रवि, महेंद्र और अभिषेक श्रीवास्तव ने चर्चा की। इसके बाद तय किया गया कि प्रशासनिक न्यायमूर्ति बीके नारायना ने अधिवक्ताओं की सुरक्षा व मृतक के परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। लिहाजा अब सोमवार से सभी वकील न्यायिक कार्य सुचारू रूप से करेंगे। पिछले 10 मई को रामबाग निवासी राजेश श्रीवास्तव की कचहरी जाते वक्त मनमोहन पार्क के निकट गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे नाराज तमाम अधिवक्ताओं ने शहर में आगजनी, तोड़फोड़ व जमकर बवाल किया था। साथ ही न्यायिक कार्य से भी विरत चल रहे थे। कचहरी में हड़ताल से वादकारियों को परेशानी हो रही थी और मुकदमे भी लंबित हो रहे थे। ऐसे कई बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अधिवक्ता संघ ने हड़ताल को समाप्त कर दिया है। हालांकि हड़ताल खत्म होने के बाद पूर्व अध्यक्ष केबी तिवारी, राजेंद्र श्रीवास्तव, गिरीश तिवारी, राकेश पूर्व मंत्री दिनेश, अनिल, कुश पांडेय, विद्याभूषण द्विवेदी समेत अन्य वकीलों की निगाह हाईकोर्ट पर टिक गई है। माना जा रहा है कि प्रशासनिक न्यायमूर्ति इस दिशा में उचित कदम उठाएंगे।


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