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युवा संसद में मुस्लिम शरणार्थियों को स्थायी नागरिकता देने पर छिड़ी बहस

युवा संसद में विदेश मंत्री उत्कर्ष प्रकाश सिंह ने बिल को सदन में रखा। इसमें सभी धर्म को मान्यता देने पर सहमति एवं केवल मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता से दूर रखने पर बहस हुई। विपक्ष के रोहित कुमार तथा अनुराग गुप्ता ने इस बिल में मुस्लिमों को नागरिकता न देने की बात उठाई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 12:28 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 12:28 PM (IST)
युवा संसद में मुस्लिम शरणार्थियों को स्थायी नागरिकता देने पर छिड़ी बहस

प्रयागराज : जागरण यूथ पार्लियामेंट में मानसून सत्र के दूसरे दिन नागरिक (संशोधन ) विधेयक- 2016 पर चर्चा की गई। सत्ता एवं विपक्ष के युवा सांसदों ने बिल के सकारात्मक एवं नकारात्मक मुद्दे पर बहस की। शासन और विपक्ष के सदस्यों ने बिल एवं मुददों पर विचार व्यक्त किए। शनिवार को सदन की कार्यवाही निर्धारित बिल पर चर्चा के साथ शुरू हुई।

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युवा संसद में विदेश मंत्री उत्कर्ष प्रकाश सिंह ने बिल को सदन में रखा। इसमें सभी धर्म को मान्यता देने पर सहमति एवं केवल मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता से दूर रखने पर बहस हुई। विपक्ष के रोहित कुमार तथा अनुराग गुप्ता ने इस बिल में मुस्लिमों को नागरिकता न देने की बात उठाई। सौम्या यादव ने नागरिकता देने की बात पर सिर्फ तीन देशों तक सीमित ना रखने की बात कही। पक्ष के युवा सांसद अभिषेक यादव ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रकाश डाला। युवा सांसदों ने कहा कि देश में शरणार्थियों के लिए एक कानून बनना चाहिए। केवल धर्म विशेष को निर्धारित अवधि के बाद मिलने वाली नागरिकता से दूर नहीं रखा जा सकता। बिल में दूसरे देशों के नाम का भी उल्लेख किया जाना चाहिए। दैनिक जागरण के नॉलेज पार्टनर टफ-होप के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आनंद यादव ने बिल की बारीकियों और संसदीय कार्यशैली के बारे में समझाया।

इसके बाद कार्यक्षेत्र में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं तथा मी-टू पर चर्चा की गई। मुद्दे को पेश करते समय नेता विपक्ष रजनीश सिंह ने दुष्कर्म के विभिन्न मामलों की चर्चा की। युवा संसद में मानव संसाधन विकास मंत्री काजल त्रिपाठी ने यौन शिक्षा को सार्वजनिक स्तर पर प्रसार की बात कही। युवा सांसद शुभांकर कुमार ने विज्ञापन के गिरते स्तर की बात कही और उसमें सुधार की माग की। युवा सांसद बेबी ने समाज के गिरते मूल्य पर चिंता जताई। पुरुषों में कानून के प्रति निडर होने की प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाए गए। युवा सांसद अतुल द्विवेदी ने पुलिस प्रशासन की लचर व्यवस्था का मुद्दा उठाया वहीं संक्षेप बरनवाल ने शिक्षा पद्धति में बदलाव लाने की बात कही। टफ होप के शुभम गौतम ने बिल एवं इश्यू प्रस्तुतीकरण में संबंधित क्षेत्र में रिसर्च की गुणवत्ता बढ़ाने का सुझाव देते हुए प्रमाणित डेटा के साथ बहस को जरूरी बताया। आयोजित हुई कार्यशाला :

संसदीय कार्यप्रणाली को समझाने के लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इसमें संसद में प्रस्तुत करने से पहले किसी भी बिल को पटल पर कैसे पढ़ें तथा संशोधन कैसे लिखा जाएगा आदि की जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त संसदीय प्रोटोकाल, बिल के दौरान बातचीत का तरीका और बिल-मुद्दे प्रस्तुतीकरण समेत अन्य पहलुओं से परिचित कराया।


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