एडीए से दुकानों की फाइलें गायब, मची हलचल
सिविल लाइंस में थार्नहिल रोड स्थित दो दुकानों की फाइलें इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के विधि विभाग से गायब हो गई हैं। शिकायत पर एडीए के सचिव ने रिपोर्ट तलब की तो राजफाश हुआ।
जासं, इलाहाबाद : सिविल लाइंस के थार्नहिल रोड स्थित दो दुकानों की फाइलें इलाहाबाद विकास प्राधिकरण (एडीए) के विधि विभाग से गायब हो गई हैं। इसको लेकर खलबली मची है। फाइलें गायब होने का प्रकरण तब सामने आया, जब सचिव अजय कुमार अवस्थी ने शिकायत पर पत्रावली समेत आख्या रिपोर्ट तलब की।
थार्नहिल रोड पर दुकान संख्या तीन और चार हीरा हलवाई के पक्ष में पूर्व में मासिक लाइसेंस (किराए) पर आवंटित हुई थी। दुकान नंबर तीन का मासिक किराया 1246 और चार का 485 रुपये निर्धारित था। हालांकि, इन दुकानों का आवंटन कई वर्ष पहले निरस्त हो चुका है। अवधपुरी कालोनी, म्यो रोड निवासी रवि प्रकाश दुबे ने सचिव से इसकी शिकायत तीन महीने पहले की। उन्हें अवगत कराया कि इन दुकानों के संबंध में उच्च न्यायालय में वाद दायर हुआ था जो छह सितंबर 2010 को खारिज हो चुका है। ऐसे में दुकानें अवैध तरीके से चल रही हैं। सचिव ने विधि विभाग के संबंधित लिपिक से दुकानों की फाइलें मंगवाई तो वह उनके सामने फाइलें पेश नहीं कर सका। सचिव ने जोन एक के जोनल अधिकारी (जेडओ) से 23 मई को प्रकरण की जांच करके पत्रावली सहित तत्काल आख्या देने के लिए कहा, लेकिन अब तक उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल सकी है।
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लिपिक की मिलीभगत तो नहीं : एडीए से फाइलें गायब होने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें लिपिक की मिलीभगत मानी जा रही है। इससे यह भी सत्यापित नहीं हो पा रहा है कि दुकानों का किराया जमा हो रहा है अथवा नहीं। उक्त दुकानों का किराया 40 हजार रुपये प्रतिमाह तक देने को लोग तैयार हैं।
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फाइलें लिपिक से मंगवाई गई थी, लेकिन वह अब तक पेश नहीं कर सका। फाइलें कहीं गायब हैं। जेडओ से आख्या रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर अगर कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
-अजय कुमार अवस्थी, सचिव इलाहाबाद विकास प्राधिकरण।