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मोरारी बापू की रामकथा : भक्ति के अथाह सागर में गोते लगाते रहे श्रद्धालु Prayagraj News

मोरारी बापू ने कहा कि भाव और प्रेम में फर्क होता है। भाव अखंड होता है लेकिन अनंत नहीं। वहीं प्रेम एक ऐसा भाव है जो अखंड भी है और अनंत भी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 03:43 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 05:03 PM (IST)
मोरारी बापू की रामकथा : भक्ति के अथाह सागर में गोते लगाते रहे श्रद्धालु Prayagraj News
मोरारी बापू की रामकथा : भक्ति के अथाह सागर में गोते लगाते रहे श्रद्धालु Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। यमुना का तट...अक्षयवट की छाया और हजारों मुख से सिया-राम नाम की गूंज। हर श्रद्धालु भक्ति के अथाह सागर में गोते लगाते हुए हाथ जोड़े ऐसे लीन था मानो उनके सामने साक्षात् श्रीराम ही इस पावन धरा पर उतर आए हों। संत कृपा सनातन संस्थान नाथद्वारा की ओर से अरैल (नैनी) में आयोजित श्रीराम कथा में शनिवार के बाद रविवार को यही सब दिखा। अक्षयवट की महिमा का बखान करते हुए कभी मोरारी बापू की आंखें नम हुईं तो कभी श्रोताओं की। यमुना नदी और अक्षयवट भी कथा कहते बापू के चेहरे को निहारते रहे।

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पत्ता-पत्ता चौपाइयां

मोरारी बापू ने कहा कि अक्षयवट का पत्ता-पत्ता चौपाइयां है। उसे मैं पढूं, उसी को मैं सुनाऊं और यमुना जी उसकी साक्षी बनें। कहा कि इस अक्षयवट को विदेशी शासकों ने कई बार खत्म करने की कोशिश की। जड़ें काट दीं, तेजाब डाल दिया। यहां तक कि अकबर की पत्नी जोधाबाई जो राजस्थान की रहने वाली थीं, हिंदू थीं, महल में मंदिर बनवाए थे। पूजा करती थीं। उन्होंने यमुना जी में स्नान की इच्छा जताई। इस पर बड़ी सुरंग बनाई गई, इससे भी अक्षयवट को नष्ट करने का प्रयास हुआ लेकिन देखिए, अक्षयवट नष्ट हुआ क्या?

भाव और प्रेम में होता है फर्क

मोरारी बापू ने कहा कि भाव और प्रेम में फर्क होता है। भाव अखंड होता है लेकिन अनंत नहीं। वहीं प्रेम एक ऐसा भाव है जो अखंड भी है और अनंत भी। इसलिए हमारे यहां सर्वोच्च स्थान प्रेम को दिया गया है। बापू ने कहा कि विश्व को मजहब की नहीं, मोहब्बत की जरूरत है।

विश्वास पर घात न करें

बापू ने विश्वास को कई तरह से परिभाषित किया। विश्वास को विवेक, विचार, विनोद, विराग और विस्मय बताते हुए कहा कि आप भले किसी पर विश्वास मत करो लेकिन कोई आप पर विश्वास करे तो उसके साथ घात कभी मत करो।

शंकराचार्य से दान में मिली पांच देवों की वंदना

आसाराम बापू ने कहा कि हमें आदि शंकराचार्य से पांच देवों की वंदना दान में मिली है, जिसे बाद में तुलसीदास ने भी अपनी रचनाओं में शामिल किया है। इसमें गणेश, गौरी, सूर्य, विष्णु और शिव शामिल है। इनमें भी शिव सभी का कल्याण करने वाले, जिसकी व्यापक दृष्टि टूटे नहीं वह विष्णु, जो प्रकाश में जीने का संकल्प करे वो सूर्य, श्रद्धा खंडित न होने पर गौरी और जिसका विवेक न छूटे वो गणेश है। कहा कि इनकी वंदना न हो तो गुरु की वंदना कर लेना।

कवि सम्मेलन में शामिल होने प्रयागराज पहुंचे डॉ. कुमार विश्वास

राम कथा के आयोजन में रविवार की शाम करीब 5.30 बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा। इसमें डॉ कुमार विश्वास की प्रस्तुति होगी। उनके साथ बुद्धि प्रकाश दाधीच, गौरी मिश्रा, किरण जोशी भी प्रस्तुति देंगी। वहीं दो मार्च यानी सोमवार को अदिति मंगल दास डांस फाउंडेशन की ओर से कथक की प्रस्तुति व अन्य कार्यक्रम होंगे। कुमार विश्‍वास प्रयागराज पहुंच चुके हैं।

मुख्य द्वार पर लहराया तिरंगा

मोरारी बापू की कथा के लिए जर्मन हैंडर स्टाइल पर बने भव्य पंडाल केअलावा हर कॉटेज की दीवारों पर तरह-तरह की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक चित्रकृतियों ने देश-दुनिया से आने वाले रामकथा प्रेमियों को खूब लुभाया। कथा पंडाल  मुख्य द्वार पर राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराया गया


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