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गजानन की स्तुति में लीन हुए भक्त

गणेश चतुर्थी पर गुरुवार को पंडालों में गणेश प्रतिमाओं को स्थापित किया गया। भक्तों ने विधि विधान से पूजन कर भगवान का आशीर्वाद लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:06 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:06 AM (IST)
गजानन की स्तुति में लीन हुए भक्त
गजानन की स्तुति में लीन हुए भक्त

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर विघ्नहर्ता, प्रथम पूज्य गजानन गणेश की स्तुति का दौर आरंभ हो गया। महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रयाग में जगह-जगह गणेश पूजा पंडाल सजाए गए हैं। हर पंडाल में गुरुवार को गणपति बप्पा विराजमान हो गए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर 'गणपति बप्पा मोरया' का उद्घोष करते हुए भक्तों ने भगवान गणेश की 'ऊं गं गणपतये नम:' का उच्चारण करते हुए प्रतिमा स्थापित करने के बाद यम-नियम से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन-अर्चन किया। पुष्पांजलि अर्पित कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा।

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सार्वजनिक गणेश महोत्सव पुराना बैरहना में संयोजक आशीष पांडेय के नेतृत्व में गजानन की 11 फीट की प्रतिमा स्थापित कर आचार्य चोटी पंडित के आचार्यत्व में विधिवत पूजन किया गया। उन्हें मेवा व लड्डू का भोग लगाया गया। पंडाल में पांच दिनों तक पूजन होगा। प्रदीप पांडेय, कैलाश चंद्र पांडेय, राहुल, पवन श्रीवास्तव मौजूद रहे। महाराष्ट्रीय तरुण मंडल का गणेश पूजन राघवेंद्र आचार्य के संयोजन में आरंभ हुआ। सार्वजनिक गणपति उत्सव मंडल प्रयाग गणेश पूजन श्रद्धा से आरंभ हुआ। वहीं रंगारंग कमेटी, बादशाहीमंडी के तत्वावधान में आठवां गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना मंत्रोच्चार के साथ हुई। ऋषिराज ओझा के नेतृत्व में गजानन का पूजन हुआ, जिसमें आयुष, छोटू, पीयूष, गोरे, सुशील, अनिल, प्रशांत ओझा, वासुदेव ओझा, सोमू पाल, पेटू पाल, रवि पाल, राजू श्रीवास्तव शामिल रहे।

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गणपति की भक्ति में रमे मराठी

गणेशोत्सव को लेकर वैसे तो हर वर्ग के लोग उत्साह व उमंग से लबरेज हैं। परंतु मराठी समुदाय के लोगों में खुशी कुछ अधिक नजर आ रही है। महाराष्ट्र लोकसेवा मंडल के अलोपीबाग स्थित पूजा पंडाल में सुबह से गणेशोत्सव की धूम रही। विधि-विधान से गणपति प्रतिमा स्थापित करने के बाद सभी भजन-कीर्तन में लीन हो गए। यहां दस दिनों तक निरंतर धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठान होते रहेंगे।

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गणपति को चढ़ेगा पंच खाद्य

गणेश पूजा के लिए मराठी समुदाय के लोगों ने पंच खाद्य नामक विशेष मोदक तैयार किया है। भक्त सतीश पुराणिक बताते हैं कि गणेश जी को मोदक बहुत पसंद है। यही कारण है कि हम उन्हें अर्पित करने के लिए चीनी, गरी, पोस्ता दाना, किसमिस, इलायची का 'पंच खाद्य' मोदक तैयार करते हैं। मोदक के अलावा गणेश जी का प्रिय केला, नारियल, गन्ना गरी का भोग उन्हें प्रतिदिन लगाया जाएगा।

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खाने-पहनने पर विशेष ध्यान

गणेशोत्सव के दौरान मराठी समुदाय के लोग खाने व पहनने पर विशेष ध्यान देते हैं। मराठी पुरुष कुर्ता-पायजामा व महिलाएं साड़ी पहनकर प्रतिदिन पूजन में शामिल होंगे। जबकि प्याज, लहसुन, दही, मूली, मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते। पूरे उत्सव के दौरान सारे मराठी सादा व सात्विक भोजन करते हैं।


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