डिवाइस लगे एलईडी बल्ब पर कयास, फोरेंसिक जांच
कौशांबी प्रयागराज समेत कुछ जिलों में बांटे गए डिवाइस लगे एलईडी बयास का सबब बन गए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कौशांबी, प्रयागराज समेत कुछ जिलों में बांटे गए डिवाइस लगे एलईडी कयास का सबब बन चले हैं। पुलिस ने इन्हें जांच के लिए लखनऊ स्थित फारेंसिक लैब भिजवाया है। इधर आतंकी साजिश में अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरण की आशंका और खुफिया एजेंसी की जांच के बीच वितरण कराने वाली संबंधित कंपनी ने आशंकाओं को निराधार बताया है। गुरुवार को कंपनी के अधिकारियों ने प्रयागराज और कौशांबी पुलिस को डिवाइस, सिम की उपयोगिता के बारे में बताया। पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स और खुफिया एजेंसी फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
तीन दिन पहले कौशांबी जिले के भरवारी कस्बा निवासी कारोबारी बृजेश केसरवानी एलईडी बल्ब का होल्डर बनवाने दुकान पर गए तो पता चला कि उसमें डिवाइस, ट्रांसमिशन, सिम व अन्य उपकरण लगे हैं। कुछ दिन पहले ही एक कंपनी से जुड़े लोगों ने उन्हें बल्ब व होल्डर दिया था। तरह-तरह की आशंका हुई। कुछ लोगों ने इसे आतंकी गतिविधियों से जोड़ देखा तो कौशांबी पुलिस ने जांच के लिए लिए टीम गठित कर दी। एसटीएफ के साथ खुफिया एजेंसी, सर्विलांस भी सक्रिय हुई और बल्ब होल्डर बांटने वाले पांच युवकों को पकड़ लिया। पता चला कि प्रयागराज, भदोही, मीरजापुर में भी यह बांटे गए हैं। बल्व-होल्डर बंटवाने वाली कंपनी कन्वर्जेस एनर्जी सर्विसेज से संपर्क करने पर कुछ और कहानी सामने आई। गुरुवार को दिल्ली में कंपनी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि एलईडी बल्ब निर्माण के समय डेटा मीटर में इस्तेमाल सिम कार्ड वैध अभ्यास है।
13 डिजिट का है सिम कार्ड -
होल्डर में लगा एयरटेल का सिम कार्ड 13 डिजिट का है। बल्ब, होल्डर बनाने वाली कंपनी के नाम पर इन्हें लिया गया है। एसडी कार्ड, ट्रांसमिशन, एरियल व कई अन्य उपकरण का उपयोग डाटा ट्रांसफर व कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन जांच के लिए बताया जा रहा है।
उपभोक्ताओं से नहीं ली सहमति
कंपनी का दावा है कि उपभोक्ताओं को 10 रुपये में बल्ब दिया जा रहा है और डिवाइस के बारे में उनकी सहमति है। कौशांबी निवासी बृजेश केसरवानी, प्रयागराज मेजा के राजेश तिवारी, रामबाबू मिश्रा का कहना है कि उन्हें कंपनी की तरफ से न तो इस बारे में जानकारी दी गई, न ही सहमति ली गई।
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170 होल्डर, बल्ब वितरित, पांच से पूछताछ
पुलिस के अनुसार कंपनी ने अपने एजेंटों को 170 बल्ब व होल्डर दिए थे। इसमें 23 कौशांबी, 70 गोरखपुर, 20 मीरजापुर, 10 भदोही और सात प्रयागराज में बांटे गए हैं। एजेंटों ने कुछ को बल्ब 10-10 रुपये में बेचा तो कुछ को मुफ्त में भी दिया। पुलिस प्रकरण में हैदर उर्फ राजपूत समेत पांच लोगों को उठाकर पूछताछ कर रही है। यह सभी एजेंट हैं। कुछ और लोगों की भी तलाश हो रही है। कंपनी ने कहा- डेटा कलेक्शन के लिए लगाए सिम
कन्वर्जेस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) कंपनी ने विज्ञप्ति जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। कहा है कि ग्राम उजाला योजना के तहत उपभोक्ताओं को तीन साल की वारंटी के साथ सात और 12 वाट क्षमता वाले एलईडी बल्ब 10 रुपये की दर से दिए जाते हैं। सीईएसएल, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसल) की सब्सिडियरी है। ईईएसल सबसे बड़े गैर सब्सिडी एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम उजाला को क्रियान्वित करा रही है, जिसका शुभारंभ पांच जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री ने किया था। ग्राम उजाला योजना, उजाला स्कीम का ही विस्तार है। उत्तर प्रदेश एवं बिहार में लगभग 30 लाख एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। एलईडी बल्बों का कितने उपभोक्ता इस्तेमाल कर रहे हैं, यह जानने के लिए चयनित परिवारों में डेटा मीटर लगाए गए हैं। डेटा मीटर घर में उपभोक्ता की सहमति से 90 दिनों की अवधि के लिए लगाया जाता है। यह उस अवधि को कैप्चर करता है, जितने वक्त बल्ब चालू था। यह सूचना केंद्रीय सर्वर को भेजी जाती है। इसलिए डेटा मीटर में सिम कार्ड की आवश्यकता होती है। उत्तर प्रदेश में डाटा मीटर लगाने का काम हमारी अधिकृत एजेंसी द्वारा तीन अक्टूबर 2021 को शुरू किया गया है। एलईडी बल्ब की स्थापना के समय डेटा मीटर में इस्तेमाल सिम कार्ड वैध अभ्यास है और यह किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि नहीं है। हम डेटा मीटर मैकेनिज्म के बारे में ज्यादा जागरूकता पैदा करने के लिए काम करेंगे।
बंटवाए गए एलईडी बल्ब वाले होल्डर में एयरटेल कंपनी का सिम लगा हुआ है। होल्डर को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। कंपनी के अधिकारियों से बातचीत हो रही है।
- केपी सिंह, आइजी रेंज