Allahabad National Museum के नए Director राजेश प्रसाद बने, पढ़ें नए निदेशक की क्या है प्राथमिकता
इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय के नए निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह होगी कि संग्रहालय और आम पर्यटकों को जोड़ने के लिए संरक्षित प्राचीन वस्तुओं में रोचकता लाई जाए। आजाद वीथिका का लोकार्पण अभी नहीं हुआ। इसके लिए राजभवन से भविष्य में होने वाले निर्देशानुसार कदम आगे बढ़ाएंगे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय में 14 महीने बाद नए स्थायी निदेशक की तैनाती हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय के संग्रहालय में प्रभारी रहे राजेश प्रसाद ने मंगलवार को यहां के 15वें निदेशक के रूप में पदभार संभाल लिया। हालांकि उन्हें संग्रहालय के निवर्तमान निदेशक डा. अखिलेश कुमार सिंह के पहली दिसंबर को प्रयागराज आने के बाद उन्हें पदभार सौंपे जाने की औपचारिकता पूरी करने के आसार हैं।
नए निदेशक पहुुंचे इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय : राजेश प्रसाद ने इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय के कार्यालय पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के कार्यों को और बेहतर बनाने के लिए नई योजनाएं बनाकर काम करने की जरूरत है।
राजेश प्रसाद ने कहा- उन्हें संग्रहालय में काम का अनुभव है : दैनिक जागरण से भेंटवार्ता में संग्रहालय के नए निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा कि संग्रहालय में काम करने का उन्हें अनुभव है। यहां भी देखा जाएगा कि जो लोग प्राचीन मूर्तियों, विभिन्न सभ्यताओं के पुरावशेष व कलाकृतियों के माध्यम से इतिहास को करीब से जानने का शौक रखते हैं, उनकी संग्रहालय से क्या अपेक्षाएं हैं।
क्या है नए निदेशक की प्राथमिकता : इलाहाबाद संग्रहालय के नए निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह होगी कि संग्रहालय और आम पर्यटकों को जोड़ने के लिए आब्जेक्ट यानी संरक्षित सभी प्राचीन वस्तुओं में कुछ रोचकता लाई जाए। आजाद वीथिका का लोकार्पण अभी नहीं हो सका है। इसके लिए राजभवन से भविष्य में होने वाले निर्देशानुसार कदम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हाल को इतना भव्य बनाया जा रहा है ताकि वीथिकाओं में प्रवेश से पहले लोगों को उसकी अधिकांश जानकारी पहले कदम पर ही मिल सके।