डेंगू के मरीजों की शामत, प्लेटलेट्स के लिए करना पड़ता है छह घंटे इंतजार Prayagraj News
काल्विन अस्पताल में प्लेटलेट बनाने वाली मशीन एक माह से खराब पड़ी है। वहीं बेली ब्लड बैंक में दो मशीन उपलब्ध हैं। यहां प्लेटलेट के लिए छह से सात घंटे इंतजार करना पड़ता है।
प्रयागराज, जेएनएन। जनपद में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। बीमारी पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) में मशीन खराब होने के कारण प्लेटलेट नहीं मिल रहा है। इसके लिए बेली ब्लड बैंक जाना पड़ता है। वहां प्लेटलेट के लिए छह घंटे इंतजार करना पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से वार्ड फुल
सरकारी अस्पतालों में बने डेंगू वार्ड फुल हो चुके हैं। काल्विन में अब जो भी नए मरीज पहुंच रहे हैं उनके लिए उसी वार्ड में अलग से बेड लगवाए जा रहे हैं। अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट बनाने वाली मशीन एक माह से खराब पड़ी है। इसके चलते प्लेटलेट के लिए आने वाले मरीजों को लौटा दिया जा रहा है। इससे मरीजों के परिजनों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
अब तक डेंगू के 513 मरीज मिल चुके हैं
बेली ब्लड बैंक की बात करें तो यहां दो मशीन उपलब्ध हैं। यहां प्लेटलेट के लिए छह से सात घंटे इंतजार करना होगा। एसआरएन में डेंगू के लिए बनाए गए वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अब तक डेंगू के 513 मरीज मिल चुके हैं। इसमें बच्चों की भी संख्या अधिक है। काल्विन के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके सिंह ने बताया कि प्लेटलेट्स बनाने वाली मशीन खराब है। उसे बनवाने के लिए इंजीनियर को बुलवाया गया था लेकिन मशीन की मरम्मत अभी नहीं हो सकी है।
कैसे बनता है प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स के लिए खून को फेरेसिस मशीन में एक ओर से डाला जाता है और दूसरी ओर से उसमें से मशीन प्लेटलेट्स को अलग करती है। उसे डेंगू के मरीजों को चढ़ाया जाता है।