Dengue Fever: डेंगू से इस सीजन में राहत, मच्छर के जहर से लड़ रही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
एडीज मादा मच्छर से होने वाले डेंगू को इस बार नहले पर दहला मिला है। मच्छर के डंक से शरीर में फैलने वाले जहर का सामना पहले से विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता कर रही है। इस बार डेंगू के मरीज भी पिछले साल की अपेक्षा 50 फीसदी मिले हैं
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Dengue Fever एडीज मादा मच्छर से होने वाले डेंगू को इस बार नहले पर दहला मिला है। मच्छर के डंक से शरीर में फैलने वाले जहर का सामना पहले से विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता कर रही है। यही वजह है कि इस बार डेंगू के मरीज भी पिछले साल की अपेक्षा 50 फीसदी ही मिले हैं और अभी तक इस बीमारी से किसी की जान नहीं गई है।
प्लेटलेट्स में भी तेजी से घटने का खतरा अबकी नहीं
इस सीजन में एक और खास बात है कि डेंगू पीड़ितों की प्लेटलेट्स तेजी से घटने की बजाय धीरे धीरे कम हो रही है और डॉक्टर इसे समय रहते कंट्रोल भी कर पा रहे हैं। यह आश्चर्यजनक तथ्य है कि 2021 में 30 सितंबर तक डेंगू के 310 मरीज मिले थे । इस बार 25 सितंबर तक 126 मरीज ही डेंगू के मिले हैं। इनमें भी 95 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पिछले साल मचा था डेंगू से कोहराम
पिछले साल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में डेंगू काफी तेजी से फैला था। गोविंदपुर की चिल्ला बस्ती में डेंगू सबसे अधिक फैला था और गोविंदपुर, चिल्ला बस्ती, शिवकुटी, तेलियरगंज आदि क्षेत्र में अलग-अलग घरों में चार लोगों की मौत हो गई थी। एक मौत प्रीतमनगर में भी हुई थी। डेंगू के वर्तमान हालात देखें तो काफी राहत है और चिकित्सक भी कहते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी होने के कारण डेंगू अपना प्रभाव अपने अंदाज में नहीं जमा पा रहा है।
पौष्टिक खानपान या कोरोना के टीके का भी असर
बेली अस्पताल के फिजीशियन डा. प्रशांत पांडेय कहते हैं कि बुखार के मरीज इस बार काफी आ रहे हैं। उनमें डेंगू की जांच कराई जा रही हैं लेकिन अपेक्षाकृत डेंगू के मरीज कम मिल रहे हैं। हो सकता है कि कोरोना के चलते जो टीके लगाए गए हैं उसका ही असर हो। हालांकि इसे स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते लेकिन इतना जरूर है कि पौष्टिक खानपान से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता निश्चित रूप से बढ़ी है और डेंगू से वही रोग प्रतिरोधक क्षमता लड़ रही है जिसके चलते लोग परेशान कम हो रहे हैं।
राहत की बात कही जिला मलेरिया अधिकारी ने भी
जिला मलेरिया अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने कहा कि संदिग्ध मरीजों की एलाइजा जांच माइक्रोबायोलॉजी लैब में कराई जा रही है। इस लैब की रिपोर्ट के आधार पर ही किसी में डेंगू की बीमारी को माना जाता है। फिलहाल यह राहत वाली बात है कि डेंगू के मरीज पिछले साल की अपेक्षा 50 फीसदी तक कम मिले हैं। कहा जा सकता है कि यह लोगों में विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता का ही असर है।