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टीईटी 2018 : प्रयागराज में प्रवेशपत्र के लिए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर कल प्रदेश भर के तमाम अभ्यर्थी जमा हुए, उनका कहना है कि परीक्षा के ऐन मौके पर प्रवेशपत्र नहीं मिल रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 04:33 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 04:34 PM (IST)
टीईटी 2018 : प्रयागराज में प्रवेशपत्र के लिए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
टीईटी 2018 : प्रयागराज में प्रवेशपत्र के लिए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

प्रयागराज (जेएनएन)। एक बार टलने के बाद फिर 18 नवंबर को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 अभी भी जोरदार चर्चा में है। इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले ऐसे बहुतायत में अभ्यर्थी हैं, जिनका खाते से पैसा कट गया लेकिन, प्रवेशपत्र डाउनलोड नहीं हो रहा है। इसके साथ ही कुछ अभ्यर्थियों ने प्रवेशपत्र पर फोटो बदल जाने की भी शिकायत की है।

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परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर कल प्रदेश भर के तमाम अभ्यर्थी जमा हुए, उनका कहना है कि परीक्षा के ऐन मौके पर प्रवेशपत्र नहीं मिल रहा है। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या काफी अधिक बताई जा रही है। कुछ अभ्यर्थियों ने 68500 शिक्षक भर्ती में पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन की समय सीमा पूछी। उधर, परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने बताया प्रदर्शन करने वालों में अधिकांश वे अभ्यर्थी हैं, जिनके आवेदन दूसरी वजहों से निरस्त हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश अभ्यर्थियों ने प्रवेशपत्र डाउनलोड कर लिया है। वहीं, फोटो बदलने का खेल साइबर कैफे संचालकों ने किया है। ज्ञात हो कि अधिकांश अभ्यर्थी साइबर कैफे के जरिए ही ऑनलाइन फार्म भर रहे हैं। झांसी में भी एक साइबर कैफे संचालक ने महिला अभ्यर्थी की जगह दूसरे का आवेदन कर दिया, उसे पता चला तो उसने एफआइआर दर्ज कराई और कार्रवाई के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

एसटीएफ व विजिलेंस कर रही है परीक्षा की निगरानी

उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 के लिए परीक्षा केंद्र के अंदर व बाहर दोनों जगह नकल अंकुश लगाने की तैयारी है। एसटीएफ व विजिलेंस की टीमें परीक्षा को लेकर संदिग्ध जिलों पर निगाह रख रही हैं। पहले से सक्रिय गिरोह की हर गतिविधि की गुपचुप मानीटरिंग चल रही है। इस बार दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने से रोकने को भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहले ही 68500 सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर निशाने पर है। ऐसे में टीईटी 2018 को नकल विहीन व शांतिपूर्ण कराने के पूरे जतन किए जा रहे हैं। नकल माफिया पर अंकुश लगाने को एसटीएफ व विजिलेंस की टीमों को सक्रिय किया गया है। टीमों के निशाने पर प्रदेश के चुनिंदा जिलों के साथ ही अन्य की भी स्थानीय खुफिया एजेंसी के जरिये मॉनीटरिंग हो रही है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि जिलों में सकुशल परीक्षा को डीएम को ही जिम्मा दिया है, उनके निर्देश पर ही टीमें निगरानी करेंगी। सचिव का दावा है कि सभी तैयारियां लगभग पूरी हैं। अधिकांश प्रवेश पत्र डाउनलोड हो चुके हैं।

पेपर आउट रोकना बड़ी चुनौती

परीक्षा संस्था पेपर आउट को लेकर विशेष सतर्क है। इसीलिए जिलों के कोषागार में डबल लॉक में प्रश्नपत्र रखवाने व अफसरों की निगरानी में केंद्र तक पहुंचाने और उन्हीं के सामने खोलने के कड़े निर्देश दिए हैं। अफसरों को निर्देश है कि वह पूरे समय केंद्र पर रहकर निगरानी करें।

एनआइसी में अटकी अभ्यर्थियों की नियुक्ति

परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा के परिणाम में फेल और उच्च स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट में उत्तीर्ण होने वाले 45 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अब एनआइसी में अटकी है। सोमवार को कुछ अभ्यर्थी शिक्षा निदेशक बेसिक और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह से मिले। सचिव ने बताया कि उनके जिला आवंटन के लिए प्रस्ताव एनआइसी को भेजा जा चुका है। वहां से निर्देश मिलते ही कार्यक्रम जारी किया जाएगा। सचिव ने यह भी कहा कि वह जल्द ही रिमाइंडर भी एनआइसी को भेजेंगी, ताकि जिला आवंटन के बाद उनकी संबंधित जिलों में काउंसिलिंग कराई जा सके।

शिक्षामित्रों की सूचना नहीं दे रहे बीएसए

बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने फिर सभी बीएसए से जिलों में कार्यरत शिक्षामित्रों की जानकारी तलब की है। उन्होंने सभी जिलों से कहा था कि वे शिक्षक भर्ती में चयनित शिक्षामित्रों को घटाकर अद्यतन रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक भेज दें लेकिन, अधिकांश ने इसकी अनसुनी की है, ऐसे में फिर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। 


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