मुगलकालीन वास्तुकला के अनुरूप फिर से बने ध्वस्त द्वार
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के इलाहाबाद चैप्टर की बैठक हुई। इसमें मुगलकालीन वास्तुकला के अनुरूप फिर से सराय खुल्दाबाद का ध्वस्त द्वार बनाने की मांग हुई।
प्रयागराज : इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के इलाहाबाद चैप्टर की आपात बैठक हुई। इसमें मुगलकालीन स्मारक 'सराय खुल्दाबाद' का द्वार को ध्वस्त किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की गई। बैठक में फिर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर फिर से सराय खुल्दाबाद द्वार को मुगलकालीन वास्तुकला के अनुरूप बनवाने की मांग की गई है।
बैठक में समन्वयक शंभू चोपड़ा ने कहा कि संस्था के सदस्य ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जमील अहमद ने इस स्मारक को ध्वस्तीकरण से बचाने, उसके संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व राज्य पुरातत्व विभाग की सूची में सम्मिलित करने के लिए नवंबर 2018 से प्रयास शुरू किया था। कई बार कमिश्नर, जिलाधिकारी महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली, निदेशक मान्युमेंट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व सारनाथ सर्किल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण वाराणसी तथा उप्र. राज्य पुरातत्व विभाग पत्र भेजकर इसके ध्वस्तीकरण को रोकने को कहा था पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
बैठक के बाद फिर से सभी को पत्र-ई-मेल भेजकर मामले से अवगत कराया गया है। ध्वस्तीकरण को नियम विरुद्ध बताया है और राष्ट्रीय महत्व के इस स्मारक के ध्वस्तीकरण पर तत्काल रोकने व उसकी पुनस्र्थापना करने, सराय खुल्दाबाद का द्वार गेटवे ऑफ इलाहाबाद का द्वार फिर से मुगलकाल की वास्तुकला के अनुरूप बनवाने, अन्य ऐतिहासिक स्मारकों को संरक्षित करने की मांग की गई है। बैठक में अनुपम परिहार, डॉ. जमील अहमद, तूलिका टंडन, संजय सक्सेना आदि मौजूद रहे।