शौचालय की स्वीकृति करने के नाम पर प्रतापगढ़ में खंड प्रेरक कर रहे धन उगाही, जांच शुरू
जिले में तीन लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष शासन से 374 करोड़ रुपये का बजट मिला। इसके बाद जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि अभी भी एक लाख 10 हजार 931 पात्र बचे हुए हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले भर में तीन लाख से अधिक शौचालय प्रतापगढ़ जनपद में बनाए गए हैं। शौचालय की प्रोत्साहन राशि देर से मिलने के कारण हजारों शौचालय का निर्माण देरी से शुरू हुआ। काफी लोग शौचालय का पैसा हजम कर लिया। वह दूसरे का शौचालय दिखाकर उसे स्वीकृत करा रहे हैं। संबंधित ब्लाक के समन्वयक के बिना इसकी स्वीकृति नहीं हो सकती। इसके नाम पर समन्वयक 500 से एक हजार रुपये की वसूली कर रहे हैं। डीपीआरओ तक मामला पहुंचने पर इसकी जांच शुरू हो गई है। इसमें कई खंड प्रेरक कार्रवाई की जद में आ गए हैं।
जिले में तीन लाख 74 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष शासन से 374 करोड़ रुपये का बजट मिला। इसके बाद जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि अभी भी एक लाख 10 हजार 931 पात्र बचे हुए हैं। दूसरे चरण में योजना के तहत बचे लाभार्थियों को भी योजना का लाभ दिया गया। कुल मिलाकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में करीब चार लाख 84 हजार से अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 483 करोड़ 23 लाख 10 हजार रुपये खर्च हो चुका है।
दूसरे के शौचालय की फोटो वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है
बिहार, लक्ष्मणपुर, सांगीपुर, लालगंज, कुंडा, बाबागंज, मानधाता, कालाकांकर, आसपुर देवसरा, संडवा चंद्रिका सहित अन्य ब्लाकों के कई गांवों में शौचालय का पैसा लाभार्थी लिए, लेकिन वह इसका निर्माण नहीं कराया। बिना शौचालय बनाए उसकी स्वीकृति व जियो टैगिंग किया जाना मुश्किल है। ब्लाक के समन्वयक व खंड प्रेरक की मिलीभगत से प्रधान व सचिव से अप्रुवल के नाम पर वसूली कर रहे हैं। दूसरे के शौचालय की फोटो स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है। इसके नाम पर वसूली हो रही है। पिछले कई दिनों से यह खेल चल रहा है।
बोले, डीपीआरओ
डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर जांच शुरू कर दी गई। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।