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Coronovirus : तो इस कारण मेडिकल कॉलेज की जांच रिपोर्ट में विलंब होता है Prayagraj News

मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी लैब से कोरोना वायरस के संभावित मरीजों की जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लगता है। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले परेशान रहते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 11:54 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 04:21 PM (IST)
Coronovirus : तो इस कारण मेडिकल कॉलेज की जांच रिपोर्ट में विलंब होता है Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इन‍ दिनों कोरोना वायरस की संख्‍या जिले में बढ़ रही है। किसी संक्रमित व्‍यक्ति से संपर्क में आने वालों का भी एहतियातन जांच कराया जाता है। ऐसे लोगों की जांच रिपोर्ट आने में विलंब होने से संबंधित व्‍यक्ति परेशान रहता है। उसमें यह संशय रहता है कि मेरी रिपोर्ट कहीं पॉजिटिव तो नहीं। इसी उहापोह में उसके परिवार के लोग भी सहमे रहते हैं।

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मेडिकल कॉलेज का माइक्रो बायोलॉजी लैब

मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी लैब से कोरोना वायरस के संभावित मरीजों की जांच रिपोर्ट आने में पांच से सात दिन का समय लग रहा है। ऐसे में संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वालों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो आनन-फानन में कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। यानी मरीज आधा समय घर में बिताता है फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।

इन दो कारणों से रिपोर्ट आने में होता है विलंब

दरअसल, रिपोर्ट देरी से आने के दो कारण हैं। पहला कारण यह है कि सैंपलिंग तो हो जाती है लेकिन उसे लैब भेजने में एक-दो दिन लग जाते हैं। मेडिकल कॉलेज के लैब में सैंपल का लोड अधिक होना इसका दूसरा कारण है। यहां प्रयागराज के साथ ही प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर व चित्रकूट जनपद के सैंपल की जांच भी होती है। यही कारण है कि रिपोर्ट में देरी होती है।

एक सैंपल की रिपोर्ट आने में आठ घंटे लगते हैं

पांच जिलों से रोजाना करीब एक हजार सैंपल आ रहे हैं, जबकि यहां पर रोजाना चार सौ की ही जांच हो पाती है। एक सैंपल की रिपोर्ट आने में आठ घंटे लगते हैं। लैब में एक साथ करीब सवा सौ से अधिक सैंपल जांच के लिए लगाए जाते हैं।

एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य बोले

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह कहते हैं कि चार जिलों के सैंपलों की जांच इस लैब में होती है। इसलिए रिपोर्ट में कुछ देरी होती है। रोज चार से पांच सौ सैंपल की जांच होती है।

कोविड-19 के नोडल अधिकारी ने यह कहा

कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने कहा कि प्रयास किया जाता है कि सैंपल लेने के बाद उसी दिन उसे लैब भेज दिया जाए। लेकिन कभी कभी दूसरे दिन भी भेजा जाता है।


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