पटाखों की ऑनलाइन खरीदारी करने वालों पर साइबर सेल की रहेगी नजर
दीपावली पर ऑनलाइन पटाखों की खरीद करने वालों पर साइबर सेल की पैनी नजर रहेगी। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस सख्त हुई है। मानक के विपरीत मिलने पर पटाखे जब्त किए जाएंगे।
प्रयागराज : दीपावली पर ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को जब्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। पुलिस भंडारण की जांच करेगी और मानक के विपरीत मिलने वाले पटाखों को जब्त करेगी। सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद पुलिस और साइबर सेल की टीम सक्रिय हो गई। साइबर सेल ऑनलाइन खरीदारी करने वालों पर नजर रखेगी।
जिले में दीपावली पर करीब 12 से 15 करोड़ रुपये का पटाखा कारोबार होता है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि करीब आठ करोड़ रुपये के पटाखों का भंडारण चोरी छिपे किया जा चुका है। इसमें मानक के विपरीत बने पटाखे भी हैं। माना जा रहा है कि दीपावली तक अभियान चलाकर करीब छह करोड़ रुपये के पटाखे जब्त किए जा सकते हैं। हालांकि पुलिस के यह काम आसान भी नहीं है। एसएसपी ने जिले के सभी सीओ व थानेदारों को चेकिंग करने और पटाखों को जब्त करने के निर्देश दिए हैं।
दो करोड़ का कम होगा कारोबार :
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पटाखा कारोबार पर भी असर पड़ेगा। व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष व पटाखा कारोबार मो. कादिर का कहना है कि दीपावली पर करीब एक करोड़ रुपये की चटाई बिकती थी, जो अब नहीं बिकेगी। वहीं कुछ अन्य कारोबारी भी इको फ्रेंडली के बजाय दूसरी तरह के पटाखे बेचते थे, जिसकी बिक्री नहीं हो सकेगी। हालांकि उनका यह भी कहना है कि कारोबारी लाइसेंस लेकर और मानक का पालन करने वाले पटाखों की ही बिक्री करते हैं।
यह हैं ग्रीन पटाखे :
मुख्य अग्निशमन अधिकारी रविंद्र शंकर मिश्रा के अनुसार कम ध्वनि व प्रदूषण वाले पटाखे ग्रीन पटाखे की श्रेणी में आते हैं। इसमें बहुत कम मात्रा में बारूद और ज्यादा मात्रा में कागज के पार्टिकल निकलते हैं। अनार, फुलझड़ी भी इसी श्रेणी में आते हैं। वहीं महताब, चटाई, रॉकेट, आतिशबाजी और 125 डेसीबेल से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को ग्रीन पटाखा नहीं कहा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। सभी सीओ व थानेदारों को चेकिंग व पटाखा जब्ती के निर्देश दिए गए हैं।
- नितिन तिवारी, एसएसपी