या अली या हुसैन की शैदाई में अकीदत से निकली बुड्ढा ताजिया की मेहंदी Prayagraj News
शहर की सड़कों पर देर रात तक अली या हुसैन की गूंज रही। मोहर्रम पर निकली बुड्ढा ताजिया की मेहंदी में हजारों की संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।
प्रयागराज, जेएनएन। करबला के 72 शहीदों की याद में लगातार गमगीन हो रहे माहौल के बीच मेहंदी और अलम का सिलसिला तेज हो गया है। दिन में गली मोहल्लों में या अली या हुसैन की सदाएं और रात में सड़क पर हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों के कंधे पर मेहंदी। रात बुड्ढा ताजिया की मेहंदी में भी हुसैन के सेनानियों का सैलाब उमड़ा।
शहर की सड़कों पर देर रात तक गूंजती रही हजरत इमाम की शैदाई
बुड्ढा ताजिया की मेहंदी गुरुवार की रात करीब 10 बजे अहमद अली भूसा पाठक से शमीम अहमद की सरपरस्ती में उठाई गई। इस दौरान हजरत इमाम हुसैन की 72 शहादत की शैदाई गूंजती रही। मेहंदी की अगुवाई एतिहासिक मोहर्रम कमेटी के निसार खां, डॉ. मोहम्मद असलम, गुलाम रसूल, वसीम खां, दुलारे खां आदि लोगों ने की। मेहंदी का जुलूस अपने परंपरागत रास्तों मरकरी चौराहा, पुरानी गुडिय़ा तालाब, मोती मस्जिद से वापस नुरुल्ला रोड होते हुए इमाम बाड़ा बुड्ढा ताजिया पहुंचा। इसी क्रम में चक निरातुल की मेहंदी का जुलूस रात साढ़े नौ बजे शुरू हुआ। इसकी सरपरस्ती समी उल्ला ने की। कीडगंज हाता बनारस की मेहंदी में भी सैकड़ों लोग उमड़े।
करेली के लकी का मेहंदी जुलूस आज निकलेगा
गुलामाने पंजतन एकता कमेटी के उप ताजियादार परवेज अख्तर अंसारी ने बताया कि करेली की एतिहासिक लकी की मेहंदी का जुलूस शुक्रवार को अकीदत और एहतराम से उठेगा। वहीं अंजुमन इस्लामिया के शकील अहमद ने बताया कि शुक्रवार को केपी कक्कड़ रोड इमामबाड़े से अलम का जुलूस पूरी शानो शौकत से उठेगा।