COVID Vaccination: प्रयागराज के छह विकास खंडों में आज से फिर शुरू है कोरोना टीकाकरण, रुका था अभियान
COVID Vaccination अब सोमवार से फिर होलागढ़ सोरांव कौडि़हार कोटवा चाका और जसरा में कोरोना टीकाकरण शिविर शुरू होंगे। शिविर में आने वाले लोगों को आनलाइन रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। रजिस्ट्रेशन मौके पर होगा। आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र लेकर शिविर में जाना होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जनपद के छह विकास खंडों में कोरोना रोधी वैक्सीन के विशेष शिविर का संचालन पिछले सप्ताह वैक्सीन के अभाव में रुक गया था। वहां आज यानी सोमवार से पुन: टीकाकरण शुरू हो गया है। पहली जुलाई से घोषित सभी विकास खंडों में विशेष शिविर शुरू किया गया था। वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण टीकाकरण अभियान को रोक दिया गया था। अब 44 केंद्रों पर भी टीकाकरण होगा।
इन छह विकास खंडों में वैक्सीन की कमी से रुका था टीकाकरण
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. तीरथलाल ने बताया कि वैक्सीन की कमी हो गई थी। इससे विकास खंडों में शिविर के संचालन का क्रम टूट गया था। इसकी शुरुआत 21 जून से हुई थी। अब सोमवार से फिर होलागढ़, सोरांव, कौडि़हार, कोटवा, चाका और जसरा में इन शिविरों को शुरू किया जा रहा है। शिविर में आने वाले लोगों को आनलाइन रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है। रजिस्ट्रेशन मौके पर होगा। आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र लेकर शिविर में जाना होगा।
ग्रामीण क्षेत्र में अब भी 50 फीसद लोग टीके से वंचित
कोरोना की दो लहरों में व्यापक नुकसान हुआ। दूसरी लहर में तो संक्रमण ऐसे कहर बरपा, जिसे डाक्टर भी नहीं समझ सके। वहीं कोरोना से जंग वैक्सीन की कमी के चलते कमजोर पड़ती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में अब भी 50 फीसद लोगों को टीके नहीं लग पा रहे हैं क्योंकि केंद्र ही 92 से घटकर 44 पर आ गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आसपास के गांव से तो जाकर लोग टीके लगवा रहे हैं जबकि दूर दराज के गांव के लोग इससे वंचित हैं।
प्रयागराज जनपद में 15 फीसद लोगों को ही लग सके हैं टीके
प्रयागराज जनपद की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 59 लाख है। साढ़े पांच माह बीत चुके हैं अब तक टीके 870525 लोगों को ही लग सके हैं। यानी करीब 15 फीसद लोगों को स्वास्थ्य विभाग टीके लगा पाया है और कोरोना की तीसरी लहर सितंबर में आने की आशंका है। जिसे महज दो माह ही बचे हैं। तीसरी लहर से पहले अधिकांश लोगों को टीके से आच्छादित करने की सरकारी मंशा इन परिस्थितियों में पूरी होती नजर नहीं आ रही है।