Coronavirus Effect in Prayagraj: कोरोना संक्रमण में लाकडाउन में लौटे थे घर, अब राशन की गठरी लेकर चल पड़े परदेस
Coronavirus Effect in Prayagraj मेजा के रामविलास पाल ने बताया कि वह दिल्ली में किसी फर्नीचर के गोदाम में काम करते थे। लाकडाउन होने पर लौट आए थे। बेटी की शादी के अलावा कुछ और जरूरी काम निपटा लिए हैं। अब रोजगार के सिलसिले में फिर दिल्ली जा रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में सभी लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ। कोरोना के कारण लगे लाकडाउन में पेट की आग बुझने की समस्या देख हजारों लोग अपने घर लौट आए। पर रोजी-रोजगार तो करना ही होगा। कुछ इसी सोच के साथ लाकडाउन समाप्त होने व त्योहार के बाद लोगों के रोजगार के सिलसिले में परदेश जाने का क्रम अभी भी जारी है। कुछ ऐसा ही नजारा प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर भी नजर आया। राशन की गठरी बांध कर कमाई करने के लिए लोग परिवार के साथ फिर परदेस जाने लगे। ऐसा लोग इसलिए भी कर रहे हैं ताकि रोजगार न मिलने की स्थिति में भोजन का संकट न हो।
स्पेशल ट्रेनों से गंतव्य की ओर जाने की उमंग
कोरोना का प्रकोप बढ़ने और लॉकडाउन लागू होने पर कामगार घर लौट आए। सरकार की ओर से समय समय पर अनलॉक के साथ लोगों को सहूलियत दी गई। कुछ शर्तों के साथ स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है। ऐसे में त्योहारी सीजन के बाद अब रोजगार के सिलसिले में लोग तीन से चार माह का राशन लेकर महानगरों में जा रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि रोजगार न मिलने की स्थिति में कुछ दिन काम चल सके।
मेजा के रामविलास बेटी की शादी करके फिर लौट रहे परदेश
मेजा के रामविलास पाल ने बताया कि वह दिल्ली में किसी फर्नीचर के गोदाम में काम करते थे। लाकडाउन होने पर लौट आए थे। बेटी की शादी के अलावा कुछ और जरूरी काम निपटा लिए हैं। अब रोजगार के सिलसिले में फिर दिल्ली जा रहे हैं। होलागढ़ के कल्याणपुर के सुमेर सिंह निडर ने बताया कि वह गाजियाबाद में फेरी लगाते थे। आर्थिक स्थिति बेहद खराब और काम न मिलने से दोबारा जा रहे हैं। वहीं काम भी तलाशेंगे।