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Coronavirus Effect : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नए वकीलों को देगा एक-एक हजार रुपये आर्थिक सहायता

Coronavirus Effect कोरोना वायरस से बचाव और फिर 21 दिन के लॉक डाउन से अधिकतर नए वकीलों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 05:02 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 05:05 PM (IST)
Coronavirus Effect : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नए वकीलों को देगा एक-एक हजार रुपये आर्थिक सहायता
Coronavirus Effect : हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नए वकीलों को देगा एक-एक हजार रुपये आर्थिक सहायता

प्रयागराज, जेएनएन। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण परेशान 10 साल से कम वकालत अनुभव वाले अपने सदस्यों को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगा। यह निर्णय एसोसिएशन की एल्डर कमेटी ने लिया है।

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एल्डर कमेटी के चेयरमैन विनय चंद्र मिश्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस से बचाव और फिर 21 दिन के लॉक डाउन से अधिकतर नए वकीलों को आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कइयों को मार्च व अप्रैल माह के खर्च बहुत अधिक होते हैं, क्योंकि बच्चों के एडमिशन, कॉपी किताबों, ड्रेस में उन्हें काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। कई नए वकील किराए पर भी रहते हैं।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया व यूपी बार कौंसिल और हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके पूर्व महाधिवक्ता वीसी मिश्र ने कहा कि इन हालात को देखते हुए एल्डर कमेटी ने 10 साल से कम की वकालत वाले एसोसिएशन के सदस्यों को आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कमेटी के निर्णय के अनुसार ऐसे नए वकीलों को हाई कोर्ट खुलने या स्थिति सामान्य होने पर एक-एक हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

यूपी बार काउंसिल ने स्थगित किया आंदोलन

लॉकडाउन के समर्थन में यूपी बार काउंसिल ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। काउंसिल की ओर से प्रस्तावित प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन की नई तारीख लॉकडाउन खत्म होने के बाद तय की जाएगी। इसके साथ ही काउंसिल के प्रयागराज स्थित मुख्यालय में 14 अप्रैल तक अवकाश घोषित किया गया है। उक्त समयावधि तक मुख्यालय में कोई काम नहीं किया जाएगा।

प्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ताओं की मांगों का निस्तारण न करने पर यूपी बार काउंसिल आंदोलनरत है। प्रदेश के समस्त जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महामंत्रियों की उपस्थिति में 22 फरवरी को हुए महासम्मेलन में वृहद आंदोलन छेड़ने का खाका खींचा गया। इसके तहत दो व 16 मार्च को प्रदेशभर के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण 23 मार्च को तहसील व जिला मुख्यालयों पर प्रस्तावित अधिवक्ताओं का धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया।


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