Coronavirus Effect : प्रतापगढ़ में हुनरमंद होकर भी फांकाकशी को मजबूर हैं ये
संगीत कलाकार वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले कलाकारों ने कुछ दिन पहले डीएम को ज्ञापन भी सौंपा था। संगठन बनाने वाले बृजेंद्र शर्मा कहते हैं कि इन दिनों बड़ी कठिन जिंदगी बीत रही है। सार्वजनिक कार्यक्रम बंद होने से बैंड झांकी नाटक जैसे कार्यक्रम की बुकिंग नहीं हो रही है।
प्रतापगढ़,जेएनएन। कोरोना का प्रभाव हर ओर दिख रहा है। बहुत से लोग रोजी-रोटी को तरसने लगे हैं। वह खाने को नहीं पा रहे हैं। उनका हुनर जो उनकी पहचान है, वह भी काम नहीं आ रहा है। कुछ ऐसी ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं जिले के विभिन्न विधा के कलाकार। वह पिछले छह माह से कोरोना काल में व्यवसाय बंद होने से बहुत मायूस हैं। उनका रोज का खर्च नहीं चल रहा है। यही नहीं अब तो उनके घर खाने-पीने की समस्या भी गंभीर हो गई है। इन कलाकारों ने प्रशासन के माध्यम से अपनी पीड़ा सीएम व मंडलायुक्त तक पहुंचाई।
बैंड,झांकी और नाटक के लिए नहीं हो रही बुकिंग
संगीत कलाकार वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले कलाकारों ने कुछ दिन पहले डीएम को ज्ञापन भी सौंपा था। संगठन बनाने वाले बृजेंद्र शर्मा कहते हैं कि इन दिनों बड़ी कठिन जिंदगी बीत रही है। सार्वजनिक कार्यक्रम बंद होने से बैंड, झांकी, नाटक जैसे कार्यक्रम की बुकिंग नहीं हो रही है।
आर्थिक मदद की लगा रहे गुहार
जिले के करीब 400 कलाकारों का हाल बेहाल है। उनके लिए आर्थिक मदद और रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के बारे में सरकार को सोचना चाहिए। आखिर हम हुनर का क्या करें। इससे पेट तक अब नहीं पाला जा रहा है। इस महंगाई के दौर में बच्चों की जरूरतें कैसे पूरी करें। यह हमारा ही नहीं बहुत से लोगों का सवाल है। इसका जवाब सरकार को देना चाहिए। कलाकार कौशल दूबे, कोषाध्यक्ष राजू शर्मा, महामंत्री राम विशाल पाठक, मंत्री राजू चंद्रा, संरक्षक अरशद कहते हैं कि कार्यक्रमों के होने से कलाकार अपना प्रदर्शन दिखाकर रोजी-रोटी की व्यवस्था करता था। अब दिक्कत बढ़ गई है। वह भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। बच्चों की फीस, घर का खर्च, दवा का इंतजाम मुश्किल हो रहा है। परिवार में इस वजह से कलह और तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में इनके लिए दया दिखाते हुए मानवता व न्याय हित में कलाकारों की आर्थिक मदद का आदेश दिया जाना अति आवश्यक है, ताकि इनका परिवार पल सके।