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Coronavirus Prayagraj News : आइवरमेक्टिन के सहारे लड़ी जा रही संक्रमण से जंग

कोरोना वायरस ने पांव पसारा है तबसे विशेषज्ञ इसकी उपयोगिता पर शोध कर रहे हैैं। दावा है कि अमेरिका व बांग्लादेश समेत तमाम देशों में कोरोना मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 04:50 PM (IST)
Coronavirus Prayagraj News : आइवरमेक्टिन के सहारे लड़ी जा रही संक्रमण से जंग
Coronavirus Prayagraj News : आइवरमेक्टिन के सहारे लड़ी जा रही संक्रमण से जंग

प्रयागराज, जेएनएन।  कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भले ही कोई वैक्सीन अभी न आई हो लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक पुरानी दवाओं का भी प्रयोग कर रहे हैं। आइवरमेक्टिन नामक टैबलेट को कोरोना से जंग में कारगर बताया जा रहा है। प्रयागराज ही नहीं,प्रदेश के सभी कोविड अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों में यह टेबलेट भेजी जा चुकी है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज व उनके संपर्क में आने वाले भी इस दवा का सेवन कर सकेंगे।

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मवेशियों को दिए जाने की दशा में इसकी मात्रा बढ़ जाती है

आइवरमेक्टिन टैबलेट पेट के कीड़े मारने में कारगर मानी जाती है। मवेशियों को दिए जाने की दशा में इसकी मात्रा बढ़ जाती है। जबसे कोरोना वायरस ने पांव पसारा है तबसे विशेषज्ञ इसकी उपयोगिता पर शोध कर रहे हैैं। दावा है कि अमेरिका व बांग्लादेश समेत तमाम देशों में कोरोना मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया। एम्स, मैक्स जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में भी यह टैबलेट कोरोना मरीजों को दिए जाने की बात यहां चिकित्सक करते हैैं। जिले में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल, बेली अस्पताल व कोटवा बनी कोविड अस्पताल के साथ सभी ही कोविड केयर सेंटरों में यह टैबलेट उपलब्ध करा दी गई है। कुछ अस्पतालों में तो यह बाकायदा मरीजों को दी जाने लगी है।

अस्पतालों को किया गया निर्देशित

कोविड-19 के नोडल व जिला सर्विलासं अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने माना कि आइवरमेक्टिव टैबलेट मरीजों को दी जा रही है। कहते हैं कि अस्पतालों को इसके लिए निर्देशित किया जा चुका है। उनका कहना है कि यह दवा वायरस प्रोटीन के कोशिका केंद्रक में अंदर जाने की प्रक्रिया रोकती है। इससे वायरस के आरएनए रैप्लीकेशन प्रक्रिया बाधित होती है।

पहले तीन दिन रात में भोजन के बाद टेबलेट

कोटवा बनी कोविड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अमृतलाल ने माना कि मरीजों को आइवरमेक्टिन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले रोगियों के भर्ती होते ही पहले तीन दिन रात में खाने के दो घंटे के बाद आइवरमेक्टिन दी जाती है। साथ डाक्सीसाइक्लीन भी दो बार दिन में पांच दिनों तक दी जा रही है। मरीज के संपर्क में आए लोगों को संभावित संक्रमण से बचाव के लिए पहले और सातवें दिन रात के भोजन के दो घंटे के बाद आइवरमेक्टिन टैबलेट दी जाती है। कोविड ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को भी यह दवा खिलाई जाएगी।


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