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Corona Fighters: असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष सिंह हुए कोरोना पॉजिटिव तो याद आए गब्बर सिंह, जाने संक्रमण को मात देने की कहानी

खुद को होम आइसोलेशन में रख लिया। इस दैरान वह सकारात्मक सोच के साथ अपनी दिनचर्या को समय से निपटाते रहे। सुबह की शुरुआत योग और काढ़ा के साथ होती। आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करते रहे। साथ ही यह ठान लिया था कि इससे डरने नहीं है हराकर भगाना है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:39 PM (IST)
Corona Fighters: असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष सिंह हुए कोरोना पॉजिटिव तो याद आए गब्बर सिंह, जाने संक्रमण को मात देने की कहानी
असिस्‍टेंट प्रोफेसर संतोष सिंह ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही सोच लिया था कि इससे डरना नहीं है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना को मात देनी है तो बस एक बात याद रखिए। गब्बर सिंह कह गया जो डर गया वो मर गया...। बात केवल इतनी है कि यह बुरा वक्त है और कट जाएगा। वैसे भी हर काली रात के बाद सुनहरी किरणों के साथ सूरज का आगाज होता है। यह कहना है इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और सर सुंदर लाल छात्रावास के अधीक्षक डॉक्टर सन्तोष कुमार सिंह का।

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अचानक पहुंच गए जांच कराने तो रिपोर्ट पॉजिटिव

डॉक्टर सन्तोष बताते हैं कि उन्हें बदन दर्द और जुकाम के साथ शरीर गर्म महसूस हुई। वह लापरवाही किए बगैर कोविड जांच कराने पहुंच गए। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस पर उन्होंने खुद को होम आइसोलेशन में रख लिया। इस दैरान वह सकारात्मक सोच के साथ अपनी दिनचर्या को समय से निपटाते रहे। सुबह की शुरुआत योग और काढ़ा के साथ होती। आयुर्वेदिक औषधियों का भी सेवन करते रहे।

अफवाहों से दूर रहें और किताबों से करें दोस्ती

इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक खबरों की वजह से बीच में ऑक्सीजन लेवल घट गया। बेचैनी सी होने लगी तो अगली सुबह से मोबाइल से नाता तोड़ दिया और किताबों से दोस्ती कर ली। वह कहते हैं निडर होकर सकारात्मक सोच के साथ इस वायरस को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है। इसी का नतीजा रहा कि दूसरी बार जांच रिपोर्ट निगेटिव आई।

वक्त हैं प्रकृति के लिए एक संकल्प लेने का

डॉक्टर सन्तोष ने बताया कि पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया गया है। यही वजह है लोगों को अब ऑक्सीजन खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में अब वक्त आ गया है सबको एक संकल्प लेना होगा। एक पौधे को ने केवल रोपना होगा बल्कि उसकी हिफाजत भी करने का जिम्मा उठाना होगा।


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