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Corona Curfew Effect in Pratapgarh: आबकारी महकमे को रोज लग रही 73 लाख रुपये की चपत, चोरी छिपे महंगे दाम पर बिक रही शराब

शराब की दुकानें एक मई से बंद हैं लेकिन लोगों को शराब मिल जा रही है। हालांकि इसके लिए लोगों को दो से ढाई गुना अधिक पैसा देना पड़ रहा है। जिस शराब की कीमत 170 रुपये है वह तीन सौ से लेकर चार सौ रुपये तक बिक रही है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:10 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 06:10 PM (IST)
Corona Curfew Effect in Pratapgarh: आबकारी महकमे को रोज लग रही 73 लाख रुपये की चपत, चोरी छिपे महंगे दाम पर बिक रही शराब
आबकारी विभाग को प्रतापगढ़ जिले से रोज शराब बिक्री से करीब 73 लाख रुपये की आमदनी होती है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना कर्फ्यू ने आबकारी महकमे की कमर तोड़ दी है। सूबे में सबसे कम खर्च में सबसे अधिक आय देने वाले इस विभाग को अकेले यूपी के प्रतापगढ़ जिले से रोज करीब 73 लाख रुपये की चपत लग रही है। पिछले दस दिनों में करीब 730 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। अगले छह दिनों में 438 लाख रुपये का नुकसान होना तय है।

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सालभर में होती है 266 करोड़ रुपये की आमदनी

जिले में देशी शराब की 237 दुकानें, अंग्रेजी शराब की 81 और बीयर की 67 दुकानें हैं। यहां साल भर में 30 लाख 24 हजार 628 लीटर देशी शराब, 19 लाख 70 हजार 934 बोतल अंग्रेजी शराब और 36 लाख 85 हजार 764 केन बीयर की खपत होती है। इससे आबकारी विभाग को साल भर में करीब 266 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।

आंकड़ों पर गौर करें तो शराब और बीयर की बिक्री से प्रतिदिन आबकारी विभाग को करीब 73 लाख रुपये मिलता है। कोरोना संक्रमण ने आबकारी विभाग की भी कमर तोड़ दी है। पिछले साल लाकडाउन में 42 दिन शराब की दुकानें बंद थीं, जिससे 30.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। अब एक मई से शराब की दुकानें बंद हैं। यानी प्रतिदिन आबकारी विभाग को 73 लाख रुपये की चपत लग रही है।

दोगुने दाम में बिक रही है शराब

शराब की दुकानें एक मई से बंद हैं, लेकिन लोगों को शराब मिल जा रही है। हालांकि इसके लिए लोगों को दो से ढाई गुना अधिक पैसा देना पड़ रहा है। जिस शराब की कीमत 170 रुपये है, वह तीन सौ से लेकर चार सौ रुपये तक बिक रही है। जो लोग रोज शाम को शराब गटकते हैं, वह अपनी जेब ढीली करने को तैयार हैं। इसके लिए वे शराब की दुकानों के सेल्समैन से संपर्क में बने रहते हैं।

कमाई का जरिया बना लिया है युवा पीढ़ी ने

कुछ युवाओं ने लाकडाउन के पहले ही शराब डंप कर ली थी। अब उन्हें दो गुना पैसा आसानी से मिल जा रहा है। ऐसे में युवा पीढ़ी शराब के अवैध कारोबार में डूबती जा रही है। शराब माफियाओं से इतर अब शराब के अवैध कारोबारियों की नई खेप तैयार हो रही है।


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