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विसर्जन का स्थान बदलने पर अवमानना याचिका दाखिल

नवरात्र के बाद दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए जिला प्रशासन ने अंदावा झूंसी में स्थान तय किया है। दुर्गा पूजा आयोजकों में नाराजगी है। प्रशासन के इस निर्णय को हाईकोर्ट के आदेश की अवेहलना बताया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 01:40 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 01:40 AM (IST)
विसर्जन का स्थान बदलने पर अवमानना याचिका दाखिल

जासं, प्रयागराज : नवरात्र के बाद दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए जिला प्रशासन ने अंदावा झूंसी में स्थान तय किया है। दुर्गा पूजा आयोजकों में नाराजगी है। प्रशासन के इस निर्णय को हाईकोर्ट के आदेश की अवेहलना बताया जा रहा है। इसके विरोध में पीके राय व योगेंद्र कुमार पाडेय ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है।

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याचियों ने कहा कि गंदे नाला में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जाएगा। उसका स्थान बदला जाए। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विजयचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए स्थान तय होना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव व जिलाधिकारी को पत्र भेजकर प्रतिमा विसर्जन निश्चित जगह पर कराने की मांग की है। इसके मद्देनजर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी प्रदेश के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी प्रयागराज, एडीएम सिटी प्रयागराज को पक्षकार बनाते हुए दाखिल की गई है।

आज से गुलजार होगा मइया का दरबार

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर शनिवार से शहर के देवी मंदिर गुलजार हो जाएंगे। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए सिद्धपीठ मां ललिता देवी, सिद्धपीठ मां अलोपशंकरी व सिद्धपीठ मां कल्याणीदेवी मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आएंगे। मइया को नारियल, चुनरी अर्पित करके स्तुति करेंगे। वहीं, देवी मंदिरों में जनकल्याण व कोरोना संक्रमण की समाप्ति के लिए मंत्रोच्चार के बीच शतचंडी यज्ञ चलेगा। नौ दिनों तक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में आहुतियां डालकर मइया से कोरोना संक्रमण का खात्मा करने की प्रार्थना की जाएगी।

वहीं, नवरात्र में देवी मंदिरों में रत्‍‌नजड़ित आभूषणों, पुष्प व फलों से मइया के स्वरूप के अनुरूप श्रृंगार किया जाएगा। मंदिरों में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सतर्कता बरती जाएगी। श्रद्धालुओं को दो गज की दूरी पर खड़ा किया जाएगा। मास्क लगाने वाले भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। एक स्थान पर ज्यादा भीड़ एकत्र न होने पाए उसके मद्देनजर महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग लाइन लगाई जाएगी। उनके प्रवेश व निकास का मार्ग अलग होगा। दो गज की दूरी व मास्क लगाने का पालन कराने के लिए पुलिस कर्मियों के साथ स्वयंसेवक खड़े किए जाएंगे।


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