National Crafts Fair एनसीजेडसीसी में शुरू, लोक संस्कृतियों का दिखा संगम Prayagraj News
राष्ट्रीय शिल्प मेले का एनसीजेडसीसी में शुभारंभ हो गया है। इस मेले में 19 राज्यों के 72 प्रकार के शिल्प उत्पादों का प्रदर्शन किए गए हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में राष्ट्रीय शिल्प मेला की शुरुआत हो चुकी है। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, वहीं विभिन्न स्टॉलों पर भीड़ जुटी है। 10 दिसंबर तक यहां देश भर के शिल्पियों की कारीगरी के नमूने और लोक संस्कृति की झलक पेश होगी। विभिन्न प्रांतों के परंपरागत परिधान, सजावटी सामान, खान-पान सामग्री और श्रृंगार के सामानों के अलावा सांस्कृतिक आयोजनों का भी संगम होगा। शिल्प मेले का शुभारंभ बीएचयू के कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने किया।
पहली बार शिल्पकार अपने उत्पाद शिल्पहाट में ही बनाएंगे
शिल्प मेला के प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया कि एनसीजेडसीसी राष्ट्रीय शिल्प मेला का आयोजन हर साल कराता है, लेकिन पहली बार नया प्रयोग करते हुए हस्तशिल्प उत्पादों के शिल्पकार अपने शिल्प उत्पाद शिल्पहाट में ही बनाएंगे। इससे रोजगार की प्रेरणा देने के लिए विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं को भी बुलाया जा रहा है। आदिवासी, लोक, शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायन, वादन और नृत्यों से युवा पीढ़ी को जोडऩे का काम भी होगा।
शिल्प मेले में 19 राज्यों के 72 प्रकार के शिल्प उत्पाद नजर आएंगे
इस बार मेले में 19 राज्यों के 72 प्रकार के शिल्प उत्पाद प्रदर्शित हो रहे हैं। 126 शिल्प स्टाल लगाए जाएंगे। दिव्यांग बच्चों के लिए एक स्टाल अलग से रहेगा। व्यंजनों के स्टाल इस बार शिल्पहाट में न लगाकर केंद्र परिसर की उत्तर दिशा में स्थित लॉन के पास लगेंगे। इस स्थान को फूड जोन बनाया जाएगा।
शिल्प मेले के यह होंगे आकर्षण
कर्नाटक का सिल्क सूट एवं अन्य उत्पाद, मध्य प्रदेश की हैंड इंब्रायडरी, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के सिल्क के कपड़े, साडिय़ां, कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड के ऊनी कपड़े, शॉल और जयपुरी रजाई, स्टोन ज्वेलरी, हैदराबाद का मोती, बंगाल की धान ज्वेलरी, चटाई, ड्राई फ्लावर, चमड़े के शिल्प उत्पाद, राजस्थान का स्टोन कार्विंग, मोजाइक ग्लास, टेराकोटा बर्तन, पंजाब की फुलकारी, जूती, उत्तर प्रदेश की पीतल की मूर्ति, भगवान की पोषाक, लकड़ी के खिलौने, चादरें आदि।
सात राज्यों के 24 प्रकार के व्यंजन
राष्ट्रीय शिल्प मेला में सात राज्यों के 24 राज्यों के लजीज व्यंजन उत्पाद भी अपनी खुशबू बिखेरेंगे।
मधुप मुदगल के भजन से शुरू होगी सांस्कूतिक संध्या
मुक्ताकाशी मंच पर प्रत्येक दिन अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पहले दिन शास्त्रीय गायक मधुप मुदगल का भजन गायन होगा। इसके बाद रीवां की वर्तिका शुक्ला का वंदेमातरम गायन, सुषमा और वर्तिका शुक्ला द्वारा बघेली लोकगीत प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रयागराज के बाल कलाकार साहिल चौहान का वायलिन वादन होगा। विभिन्न प्रांतों के लोकनृत्यों की प्रस्तुति होगी।
रूहानी सिस्टर्स, डॉ. कुमार विश्वास और प्रकाशोत्सव मुख्य आकर्षण
राष्ट्रीय शिल्प मेले में तीन दिसंबर को रुहानियत कार्यक्रम में दिल्ली की रूहानी सिस्टर्स की ओर से सूफी गायन, आठ दिसंबर को श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाशोत्सव और नौ दिसंबर को सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास का काव्य पाठ होगा।