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राष्ट्रपति तक पहुंचा इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक टालने का मामला Prayagraj News

आरोप है कि कोरोना वायरस का बहाना बनाकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक को स्‍थगित कर दिया है। इस संबंध में आटा के अध्यक्ष ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर शिकायत की है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 08:43 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:43 AM (IST)
राष्ट्रपति तक पहुंचा इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक टालने का मामला Prayagraj News
राष्ट्रपति तक पहुंचा इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक टालने का मामला Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में कोरोना का बहाना बनाकर अचानक कार्य परिषद की बैठक टालने का मामला इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) तक पहुंच गया है। यही नहीं मंत्रालय की ओर से 26 फरवरी को नीतिगत फैसला लेने पर रोक के बावजूद कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी के मनमाने निर्णयों की भी शिकायत की है। साथ ही सभी फैसलों को निरस्त करने और जल्द सर्च कमेटी के दो सदस्यों का नाम तय करने की मांग की गई है।

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बैठक टालने का निर्णय विधि विरुद्ध है : आटा अध्‍यक्ष प्रो. दुबे

इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में कहा है कि इविवि की वार्षिक परीक्षा में हजारों छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। वहीं बैठक में लगभग 10 सदस्यों को एकत्र होना था। क्योंकि अधिकांश सदस्य कुलपति पद के आवेदक हैं। खुद कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी भी आवेदक होने के चलते बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। ऐसे में बैठक टालने का उनका निर्णय विधि विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि स्थायी कुलपति की नियुक्ति में देरी से विवि में रिक्त करीब 800 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां भी लंबित रहेंगी। इसका असर नए शैक्षणिक सत्र में भी पड़ेगा।

यूजीसी के किसी अधिकारी को पर्यवेक्षक नियुक्त की भी मांग की

प्रो. दुबे ने तत्काल सर्च कमेटी के दो सदस्यों के नाम तय करने के लिए रजिस्ट्रार को निर्देश जारी करने की मांग की है। मंत्रालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के किसी सक्षम अधिकारी को पर्यवेक्षक नियुक्त की भी मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता विनय मिश्र ने नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगाने के बावजूद वह एकेडमिक काउंसिल में जेके इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी में संचालित कोर्स मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) के संचालन पर रोक लगाने का जिक्र किया।

आरोप लगाया कि संघटक महाविद्यालयों में परास्नातक कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाई

आरोप लगाया कि कुछ छात्रनेताओं के इशारे पर संघटक महाविद्यालयों में परास्नातक कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाई। प्रो. तिवारी लंबे समय तक पद पर बने रहने के लिए मंत्रालय के पत्रों को गंभीरता से नहीं ले रहे। वह ऐसा जानकर कर रहे हैं, जिससे देरी होने के साथ कुलपति पद के आवेदक कोर्ट चले जाएं। इससे वह पद पर और लंबे समय तक बने रहेंगे। इस संदर्भ में कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन बंद था।


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