नेता नहीं हिंदू व मुस्लिम धर्मगुरुओं के सहयोग से बनेगा राम मंदिर : अखाड़ा परिषद
इस मुद्दे पर अखाड़ा परिषद कोर्ट में याचिका दायर करने का मन बना रहा है। इसके जरिए अखाड़ा परिषद मंदिर निर्माण को लेकर होने वाले किसी भी निर्णय में अपनी भी महत्वपूर्ण भूमिका चाहता है।
इलाहाबाद [शरद द्विवेदी]। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण का मामला फिर गरमाता नजर आ रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इसमें निर्णायक भूमिका निभाने को आतुर है। अखाड़ा परिषद श्री राम मंदिर निर्माण में नेताओं की भूमिका नहीं चाहता, बल्कि हिंदू व मुस्लिम धर्मगुरुओं को आगे लाने को प्रयासरत है। अखाड़ा परिषद का मानना है कि नेताओं के आने से मंदिर निर्माण का मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित है, जबकि धर्मगुरु चाह लें तो आपसी सुलह-समझौते से चंद दिनों में उसका निपटारा हो जाएगा। इस मुद्दे पर अखाड़ा परिषद कोर्ट में याचिका दायर करने का मन बना रहा है। इसके जरिए अखाड़ा परिषद मंदिर निर्माण को लेकर होने वाले किसी भी निर्णय में अपनी भी महत्वपूर्ण भूमिका चाहता है।
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श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। राजनेता अपनी सुविधा के अनुसार मंदिर निर्माण मुद्दे को समय-समय पर हवा देकर शांत हो जाते हैं। मंदिर निर्माण का मामला जल्द सुलझे वह भी बिना विवाद। उसको लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि लगातार सक्रिय हैं। इसके तहत वह कुछ माह पहले बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी से मिल चुके हैं। साथ ही लगातार हिंदू व मुस्लिम धर्मगुरुओं के संपर्क में हैं। इधर चातुर्मास बीतने के बाद अक्टूबर माह में वह पुन: हाशिम अंसारी व अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिलने वाले हैं। इसके पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती, जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, कथावाचक मुरारी बाबू, रामभद्राचार्य सहित हर प्रमुख संत-महात्माओं से महंत नरेंद्र गिरि की मुलाकात होने वाली है। एकराय बनी तो इलाहाबाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह गुजारिश की जाएगी कि मंदिर निर्माण को लेकर कोई भी फैसला देने से पहले अखाड़ा परिषद व धर्मगुरुओं की राय शामिल की जाए।
राष्ट्रपति, पीएम को देंगे प्रस्ताव
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि राम मंदिर निर्माण को लेकर धर्मगुरुओं में आपसी सामंजस्य स्थापित करके प्रस्ताव तैयार करेंगे। वह प्रस्ताव राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देने के साथ कोर्ट में पेश होगा।
नेतागिरी से बिगड़ी स्थिति : गिरि
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि मंदिर निर्माण का मामला नेतागिरी के चलते अधर में है। कोर्ट में उचित पैरवी न होने से फैसला नहीं आ रहा। जबकि, हिंदू व मुस्लिम धर्मगुरु एवं आम जनता चाहती है कि यह मुद्दा जल्दी सुलझे। बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि ने मुझसे मिलकर मंदिर विवाद मामले में सहयोग मांगा था। मैं भी चाहता हूं कि यह मामला बिना विवाद के जल्द सुलझे, उसके लिए हर सहयोग देने को तैयार हूं।विहिप के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर विवाद का हल समझौते से नहीं होगा। यह प्रयास पहले विफल हो चुका है। केंद्र सरकार सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर संसद में कानून बनाकर हिंदुओं को जमीन सौंपे।