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कोविड गाइडलाइन के अनुपालन में खुलनी चाहिए कोचिंग

शासन की ओर से निर्धारित कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन में अब कोचिंग संचालक आगे आए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:01 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:01 PM (IST)
कोविड गाइडलाइन के अनुपालन में खुलनी चाहिए कोचिंग
कोविड गाइडलाइन के अनुपालन में खुलनी चाहिए कोचिंग

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शासन की ओर से निर्धारित कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन में अब स्कूलों की तर्ज पर शहर के कोचिंग को भी खोले जाने की मांग उठने लगी है। कोचिंग संचालक अब जिला प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। कोचिंग नहीं खुलने से बेरोजगारी जैसे हालात बनने लगे हैं।

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जीएस व‌र्ल्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज सिंह कहते हैं कि वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। यहां के छात्र काफी समझदार भी होते हैं। वह गाइडलाइन का अनुपालन भी करेंगे। उन्हें कुछ सिखाने की भी आवश्यकता नहीं है। हालात तो यह हैं कि संस्थान के तकरीबन 2500 शिक्षक-कर्मचारी सात महीने से खाली बैठे हैं। उनके सामने परिवार चलाने के लिए आर्थिक संकट भी खड़ा हो रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन को विचार करना चाहिए। निर्माण आइएएस के निदेशक अभिषेक पांडेय कहते हैं कि मिड सेशन से ही पढ़ाई ठप है। जब कक्षा नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं तो कोचिंग खोलने में क्या हर्ज है। किराए में छूट नहीं है तो शासन को संस्थान बंद करने पर प्रतिबंध भी नहीं लगाना चाहिए। केमिका प्वाइंट के एक्सपर्ट सुजीत सिंह ने बताया कि संचालकों के अलावा तैयारी करने वालों का भी काफी नुकसान हो रहा है। मकान मालिक किराए के लिए अलग से परेशान कर रहे हैं। पांडेय क्लासेज के निदेशक बृजेश पांडेय कहते हैं कि समूचा स्टॉफ सात महीने से घर पर खाली बैठा है। अब जिला प्रशासन को चाहिए के गाइडलाइन के अनुपालन में कोचिंग को खोलने की अनुमति दे दें।


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